कोरोना वायरस से सिर्फ भारत ही नहीं इस समय पूरी दुनिया में दहशत है। 195 से ज्यादा देशों को इस महामारी ने अपनी चपेट में ले लिया है जिनमें से इटली और ईरान में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। इन देशों की हालत को देखते हुए पीएम मोदी ने मंगलवार को 14 अप्रैल, 2020 तक देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया। बिहार में नीतीश सरकार ने पहले ही लॉकडाउन करने का ऐलान कर रखा था। वहीं, देश के दूसरे राज्यों में लॉकडाउन के साथ कर्फ्यू भी लगा दिया गया था।
नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के विस्तार को रोकने और महामारी पर काबू पाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। पीएम मोदी के इस फैसले का देश की जनता और विपक्ष ने भी स्वागत किया है। लेकिन इसी बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मोदी सरकार के देशव्यापी लॉकडाउन पर सवाल उठाया है। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कोरोना वायरस को लेकर किए गए लॉकडाउन के फैसले को देरी से उठाया गया कदम बताया है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस से सिर्फ भारत ही नहीं इस समय पूरी दुनिया में दहशत है। 195 से ज्यादा देशों को इस महामारी ने अपनी चपेट में ले लिया है जिनमें से इटली और ईरान में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। इन देशों की हालत को देखते हुए पीएम मोदी ने मंगलवार को 14 अप्रैल, 2020 तक देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया। बिहार में नीतीश सरकार ने पहले ही लॉकडाउन करने का ऐलान कर रखा था। वहीं, देश के दूसरे राज्यों में लॉकडाउन के साथ कर्फ्यू भी लगा दिया गया था।
पीएम मोदी के देशव्यापी लॉकडाउन के बाद भारत के हर कोने से उनके फैसले को समर्थन मिला है लेकिन प्रशांत किशोर के ट्वीट कर इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है। प्रशांत किशोर ने लिखा, लॉक डाउन का फैसला सही हो सकता है लेकिन 21 दिनों का वक्त थोड़ा ज्यादा लग रहा है। उन्होंने आगे लिखा कि कोरोना वायरस से डील करने में पीछे रहने की वजह से देश को 21 दिनों का लॉकडाउन भुगतना पड़ रहा है। गरीबों के हालात पर चिंता जताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, गरीबों को लॉकडाउन पीरियड में कैसे मदद पहुंचाई जाएगी इसको लेकर पूरी तैयारी नहीं दिखती है। कोरोना से निपटने के लिए हमें कुछ कठिन दिनों का सामना करना पड़ सकता है।