केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लखनऊ में कहा कि विपक्षी पार्टियों को जितना हो हल्ला करना है कर ले, लेकिन मैं डंके की चोट पर कह रहा हूं कि नागरिकता कानून वापस होने वाला नहीं है।
उनकी इसी बात पर जेडीयू के नेता और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने चुनौती दी है। उन्होंने इस पर आगे बढ़ने की चुनौती दी है।
प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा, नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत का संकेत नहीं हो सकता। अमित शाह जी, अगर आप नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध करने वालों की परवाह नहीं करते हैं, तो आप इस कानून पर आगे क्यों नहीं बढ़ते? आप सीएए और एनआरसी को उसी क्रोनोलॉजी में लागू करने का प्रयास करें, जो आपने राष्ट्र के लिए इतनी बड़ी घोषणा की है।’
बता दें कि प्रशांत किशोर का ये बयान ऐसे समय में आया है जब केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लखनऊ बंग्लाबाजार स्थित कथा पार्क में में सीएए के समर्थन में आयोजित विशाल जनसभा मेंनागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए मंगलवार को उन्हें चुनौती दी थी कि जिसको विरोध करना है, करे लेकिन सीएए वापस नहीं होने वाला है।