नागरिकता संशोधन विधेयक का जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लगातार विरोध कर रहे हैं।
अपनी पार्टी के इस पर लिए स्टैंड से अलग वो ट्वीट कर लगातार अपनी बात रख रहे हैं। यही वजह है कि पीके अब अपनी ही पार्टी के निशाने पर आ गए हैं।
हालांकि उन पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है। शुक्रवार को उन्होंने फिर इस मसले को लेकर ट्वीट किया है और गैर बीजेपी (BJP) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ‘भारत की आत्मा’ को बचाने का आह्वान किया है।
प्रशांत किशोर ने अपने ताजा ट्वीट में लिखा, बहुमत से संसद में CAB पास हो गया। न्यायपालिका से परे, अब 16 गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी है क्योंकि ये ऐसे राज्य हैं, जहां इसे लागू करना है। तीन मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पश्चिम) ने CAB और NRC को नकार दिया है, और अब दूसरे गैर-बीजेपी राज्य के सीएम को अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है।
बता दें कि प्रशांत किशोर लगातार ट्वीट कर इस बिल का विरोध कर रहे हैं। गुरुवार को भी उन्होंने ट्वीट के जरिये इसका विरोध किया था।
उन्होंने ट्विटर पर अपनी बात रखते हुए कहा था कि नागरिकता संशोधन विधेयक और एनआरसी (NRC) धर्म के आधार पर लोगों से भेदभाव का घातक जोड़ साबित होगा।
पीके ने अपने ट्वीट में लिखा था, हमें बताया गया है कि नागरिकता संशोधन विधेयक किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं, बल्कि लोगों को नागरिकता देने के लिए है, लेकिन सच्चाई यह है कि NRC और यह CAB सरकार के हाथ में एक ऐसा घातक जोड़ हो सकता है जिसके जरिए धर्म के आधार पर लोगों से भेदभाव कर उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है।