ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमिन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्विटर पर लिखा, ‘क्या यह इनाम है?’ लोग न्यायाधीशों की स्वतंत्रता पर यकीन कैसे करेंगे? कई सवाल हैं।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने गोगोई को नामिक करने पर सवाल खड़ा किए। उन्होंने लिखा, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा (सुभाष चंद्र बोस)। तुम मेरे हक में वैचारिक फैसला दो मैं तुम्हें राज्यसभा सीट दूंगा (भाजपा)।नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए नामित किया है। जिसे लेकर कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला, एमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए हैं। वहीं पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आशा व्यक्त की है कि गोगई इस प्रस्ताव को ठुकरा देंगे। इसके अलावा माकपा के सीताराम येचुरी ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश को उनकी कही बात याद दिलाई है।
ओवैसी ने पूछा- यह इनाम है क्या?
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमिन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्विटर पर लिखा, ‘क्या यह इनाम है?’ लोग न्यायाधीशों की स्वतंत्रता पर यकीन कैसे करेंगे? कई सवाल हैं।’
Is it “quid pro quo”?
How will people have faith in the Independence of Judges ? Many Questions pic.twitter.com/IQkAx4ofSf— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 16, 2020
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राष्ट्रपति द्वारा गोगोई को नामित किए जाने को लेकर ट्वीट करते हुए दो तस्वीरें शेयर की। उन्होंने लिखा, ‘यह तस्वीरें सच बयां कर रही हैं।’
The Pictures say it all! pic.twitter.com/6oSutHSy8A
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 16, 2020
मेरे हक में फैसला दो मैं तुम्हें राज्यसभा सीट दूंगा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने गोगोई को नामिक करने पर सवाल खड़ा किए। उन्होंने लिखा, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा (सुभाष चंद्र बोस)। तुम मेरे हक में वैचारिक फैसला दो मैं तुम्हें राज्यसभा सीट दूंगा (भाजपा)।
राज्यसभा सीट के ऑफर को कहेंगे न: यशवंत सिन्हा
अटल-आडवाणी के जमाने में भाजपा के करीबी रहे यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर लिखा, मैं आशा करता हूं कि पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई के पास राज्यसभा सीट के ऑफर पर ना कहने का अच्छा सेंस होगा। वरना वे न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंचाएंगे।
सीताराम येचुरी ने गोगोई को याद दिलाया उनका बयान
माकपा के राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी ने लिखा, ‘श्री रंजन गोगोई ने पिछले साल खुद ही कहा था कि ‘ऐसा बड़ी मजबूती से माना जाता है कि सेवानिवृत्ति के बाद होने वाली नियुक्तियां न्यायपालिका की आजादी पर धब्बा है।’
ये महज संयोग है: मोहम्मद सलीम
मार्क्सवादी नेता मोहम्मद सलीम ने ट्वीट कर लिखा, ‘वकील को भुगतान क्यों करना जब आप जज ही खरीद सकते हैं। इस सवाल का पूर्व सीजेआई से कोई समानता प्रतीत होना महज एक संयोग है।’
Why pay a lawyer when you can buy a judge?
Any resemblance of this question to Former CJI #RanjanGogoi is purely coincidental.
— Md Salim (@salimdotcomrade) March 16, 2020
स्वराज इंडिया पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली की कही हुई बात याद दिलाई है, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘सेवानिवृत्ति से पहले के फैसले, सेवानिवृत्ति के बाद नौकरी की इच्छा से प्रभावित होते हैं।’
बीते साल ही सेवानिवृत्त हुए हैं रंजन गोगोई
पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पिछले साल 17 नवंबर 2019 को सेवानिवृत्त हुए हैं। 15 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में उनके कार्य का आखिरी दिन था। पूर्व सीजेआई गोगोई ने 3 अक्तूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद ग्रहण किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में 23 अप्रैल 2012 को नियुक्त हुए थे।