भारत निर्वाचन आयोग इस बार राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के लिए हर राज्य के विधायकों को प्रत्याशियों की प्राथमिकता लिखने पेन भेजेगा। इसका मुख्य कारण स्याही को लेकर कोई भी मत निरस्त होने की स्थिति पैदा नहीं होने देना है। आयोग ने सभी राज्यों की विधानसभाओं के सहायक रिटर्निंग ऑफिसर्स को इस संबंध में जानकारी दे दी है।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हाल ही में दिल्ली में पहली बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में बताया गया कि सभी राज्यों को इस बार आयोग 10-10 पेन भेजेगा, जिनसे विधायक मतदान के लिए प्रत्याशियों में से पहली, दूसरी व तीसरी प्राथमिकता के नाम लिखेंगे। यह व्यवस्था राष्ट्रपति चुनाव 2012 के दौरान हरियाणा के आठ विधायकों के मत निरस्त होने को ध्यान में रखते हुए की गई है। उक्त विधायकों ने अपने पैन से मतदान कर दिया था, जिससे उनके मत निरस्त हो गए थे।
सूत्र बताते हैं कि चुनाव की गोपनीयता बनाए रखने के लिए इस बार विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। मतपत्रों को एयर इंडिया के विमान से लाया जाएगा और मतदान के तुरंत बाद पहली फ्लाइट से दिल्ली भेज दिया जाएगा। मतपत्रों को राज्यों की राजधानी में पहुंचने के बाद उनकी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
उप राष्ट्रपति चुनाव भी साथ में
सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रपति चुनावों के साथ उप राष्ट्रपति चुनाव भी कराए जाने की संभावना है। हालांकि एक ही तारीख में दोनों सर्वोच्च पदों केचुनाव कराने की संभावना नहीं है, लेकिन कुछ दिनों के अंतराल से चुनाव कराए जा सकते हैं। गौरतलब है कि उप राष्ट्रपति का कार्यकाल भी 11 अगस्त 2017 तक का है और राष्ट्रपति का कार्यकाल 25 जुलाई 2017 तक है।
229 एमएलए भोपाल व 39 एमपी दिल्ली में वोट करेंगे
बताया जाता है कि सांसद भी भोपाल में मतदान कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें मतदान की तारीख के कम से कम दस दिन पहले इसकी सूचना संबंधित सदन लोकसभा या राज्यसभा में देना होगी। इसके बाद ही वे यहां मतदान कर सकेंगे। मप्र विधानसभा में 229 विधायक मतदान करेंगे, क्योंकि सतना की चित्रकूट विधानसभा सीट के विधायक प्रेम सिंह का निधन हो गया है। इसी तरह मप्र से राज्यसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे के निधन से भी एक सीट रिक्त है। इस कारण प्रदेश के राज्यसभा के 10 सदस्य व लोकसभा के 29 सदस्य ही वोट करेंगे।
@एजेंसी