नई दिल्ली – दक्षिणी दिल्ली से सटे हुए महँगे आवासीय क्षेत्र सरिता विहार से लगी हुई ग्राम मदनपुर खादर की बेशकीमती कृषि भूमि जो कि मदनपुर खादर तहखण्ड एवं तुगलकाबाद के किसान परिवारों के नाम थी भूमाफिया तत्वों ने जनरल पावर ऑफ अटार्नी पर 65 किसानों के स्थान पर 66 किसानो के दस्तावेज फर्जी हस्ताक्षर और अगॅूठा लगा कर खसरा नं. 792 खतौनी 227/237भी तैयार कर फर्जी रजिस्ट्री भी करा ली जिसमें 1972में मृतक व्यक्ति के अलावा दो दर्जनों से ज्यादा व्यक्तियों का स्वर्गवास हो चुका है। और उनके परिजनों के नाम भूखण्ड के नामांतरण भी हो चुके है। और इस फर्जी बेचान नामें और पावर ऑफ अटार्नी में कई ऐसे नाम है जो कभी भी रिकार्ड में नहीं रहे है।
इस आशय की जानकारी पीडि़त किसान परिवार के सदस्य श्री नरेन्द्र बिघुड़ी ने देते हुए बताया है कि उक्त भूमि पर 1996 सें एसडीएम के न्यायालय में बटवारें का प्रकरण चल रहा है स्थगन आदेश भी है। लेकिन भूमाफिया तत्वों के धन वैभव की चकाचौंध में आकर भूमि विक्रय हेतु 6 बीघा 6 विस्वा की एनओसी मांगी गई थी और तहसील दार कार्यालय से 4 बीघा14बिस्वा की एनओसी जारी हुई है और भूमाफियाँ ने 9 बीघा 14 बिस्वा की रजिस्ट्री तैयबिया एज्यूकेशन फाउण्डेशन के नाम मात्र 75 लाख रूपये में कृ षि भूमि दर्शा कर बेच डाली, इस अवैध कारनामों की शिकायत जैतपुर थाना से शुरू होकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री, सीबीआई, सीवीसी, पुलिस आयुक्त, संभागीय आयुक्त , जिला दण्डाधिकारी, एसडीएम और तहसीलदार तक कई दर्जनों किसानों के मय मृत्यू प्रमाण पत्रों के दस्तावेजों में शिकायत दर्ज कराई गई है।
परन्तु प्रशासन के आँख और कान इनके बावजूद बंद पडें़ है। तथ्य यह भी चौकाने वाला है कि नकली पावर ऑफ अटार्नी 2004 के स्टाम्पों पर 2013 में संपादित हुई है। जिसमें 65 के बजाय 66 किसानों के नाम लिखे गये है।इस बात की जानकारी मिलते ही किसान परिवारो की ओर से किशन बिधुडी ने आपत्ति सभी जगहो पर मय दस्तावेजों के दर्ज कराई है।
प्रकरण में कई ऐसे भी है जिनके पिता, दादा, परदादा, की मृत्यू हुए वर्षो बीत गये है सारे मामले में भूमाफिया श्री नरेन्द्र पिता प्रसादी, 560 भंगड़ मोहल्ला मदनपुरा खादर,श्री विनोद पिता भूलेराम, हड्डु मोहल्ला मदनपुरा खादर एवं श्री श्रीओम चौहान पिता जतनसिंह जे-183 सरिता विहार नई दिल्ली द्वारा कूट रचित दस्तावेजो के आधार बना कर बेश किमती भूमि माग 75 लाख में बेचना बतायी गई है। जिसका बाजार मूल्य 15-20करोड़ से ज्यादा का आंका जा रहा है। उच्च न्यायालय नई दिल्ली में भी कुछ किसानों ने अपनी फरियाद की कहीं भी सुनवायी नहीं होने की स्थिती में दर्ज कराई है जहॉ 65 किसानों के नाम पर सूचना पत्र जारी किये जाने की बात सामने आयी है अब 3-4 दशक पूर्व स्वर्गवास हो चुके लोगों को उच्च न्यायालय की फरियाद भी उपस्थित होने क ा फरमान जारी हो चुका है।