राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने पीएम नरेंद्र मोदी को अयोध्या दौरे के लिए पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी अतिशीघ्र अयोध्या आकर राममंदिर निर्माण का शुभारंभ करें।
लखनऊ : करीब दो घंटे तक अयोध्या में लगातार चली रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक खत्म हो गई है। बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र के साथ ट्रस्ट के 12 सदस्य मौजूद थे, जबकि तीन सदस्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर थे। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सर्किट हाउस से बाहर निकलकर बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बैठक में सभी लोगों ने निर्माण को लेकर प्रसन्नता जाहिर की। जो अवशेष जमीन से प्राप्त हुए हैं, सभी ने उन्हें देखा और प्रसन्न्ता जाहिर की। हालांकि मट्टी की ताकत कितनी है, इसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। उसके बाद यह निर्णय होगा कि नींव कितनी रखी जाएगी। 60 मीटर नीचे से मिट्टी के सैंपल लिए जाएंगे। इसके लिए लार्सेन एंड ट्यूब्रो कंपनी काम कर रही है।
ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि भूमि पूजन के लिए हमने तीन और पांच अगस्त की तारीख तय की है। अब इसपर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री की ओर से लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राम मंदिर के डिजाइन में भी बदलाव होगा। ट्रस्ट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि पहले मंदिर में तीन गुंबद बनने थे, लेकिन अब पांच गुंबद होंगे। मंदिर का मॉडल विश्व हिंदू परिषद का ही रहेगा, लेकिन उसकी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई बढ़ जाएगी।
मंदिर निर्माण कब तक पूरा होगा, इसके बारे में चंपत राय ने बताया कि जब सारे प्राथमिक काम पूरे हो जाएंगे तब से निर्माण की गणना शुरू की जाएगी। समाज के 10 करोड़ परिवार से धन संग्रह किया जाएगा, इसके बाद ही मंदिर का निर्माण शुरू किया जाएगा।
इसके बाद अगर लॉकडाउन की परिस्थितियां सामान्य रहीं तो अगले तीन वर्ष में मंदिर निर्माण का काम पूरा हो जाएगा।
राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने पीएम नरेंद्र मोदी को अयोध्या दौरे के लिए पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी अतिशीघ्र अयोध्या आकर राममंदिर निर्माण का शुभारंभ करें।
ट्रस्ट अध्यक्ष ने यह भी लिखा था कि वर्चुअल या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नहीं बल्कि मोदी स्वयं अयोध्या आएं और राममंदिर निर्माण की नींव रखें। महंत के उत्तराधिकारी कमलनयन दास ने कहा कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम तय हो रहा है, जल्द ही तिथि का एलान होगा।
बैठक में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचे राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने भी इच्छा जताई है कि मंदिर निर्माण का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से ही होना चाहिए। ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि राम जन्मभूमि पर सिंहद्वार के लिए 1989 में शिला पूजन किया गया था।
अब मंदिर निर्माण का कार्य गर्भगृह से शुरू होगा, जिसके लिए भूमि पूजन किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बनने वाला मंदिर राम मंदिर के साथ-साथ राष्ट्र मंदिर भी होगा।
उन्होंने बताया कि पहली बैठक में ही तय कर लिया गया था कि मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ किए जाने को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया जाएगा। इसे लेकर ट्रस्ट के अध्यक्ष व महासचिव ने प्रधानमंत्री से मुलाकात भी की थी।
इस पर उन्होंने भी इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन आज जैसे संकट की घड़ी है, उसे ध्यान में रखते हुए ही प्रधानमंत्री के आगमन पर विचार किया जाएगा।
राममंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास कहते हैं कि मोदी शीघ्र अयोध्या आकर राममंदिर निर्माण का शुभारंभ करें। मोदी व योगी के कर कमलों से ही राममंदिर की पहली ईंट रखी जानी चाहिए, क्योंकि मोदी व योगी के काल में ही यह शुभ अवसर आया है। संत समाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या आगमन पर उनके स्वागत को तैयार है।
श्रीरामबल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास कहते हैं कि रामनगरी का वर्षों का इंतजार अब खत्म होने को है। हमारे आराध्य अब शीघ्र ही दिव्य भव्य मंदिर में विराजेंगे। हम सभी चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या आकर राममंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ करें, तो रामनगरी का गौरव और भी बढ़ेगा। राममंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ ऐसा होना चाहिए जिसका संदेश पूरे विश्व को जाए।
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी कहते हैं कि अयोध्या में अब अतिशीघ्र राममंदिर बनना चाहिए। मोदी व योगी के शासन में ही यह ऐतिहासिक क्षण आया है जब अयोध्या में राममंदिर निर्माण का शुभारंभ होना चाहिए। संत समाज के साथ-साथ हम भी चाहते हैं कि मोदी व योगी ही राममंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखें। इन दोनों के शासन में अयोध्या को हर दिशा में एक नया आयाम प्राप्त हुआ है।