सरकारी टकसाल में स्याही की अनुपलब्धता के कारण 200 और 500 रुपये मूल्य के नोटों की छपाई को रोकना पड़ा है। यह दावा यूनियन नेता व टकसाल के एक कर्मचारी ने किया।
प्रेस वर्कर फेडरेशन के अध्यक्ष जगदीश गोडसे ने कहा, ‘नोटों की छपाई करने वाली स्याही आयात होती है। यह स्याही अभी उपलब्ध नहीं है। इस कारण 200 और 500 के बैंक नोटों की छपाई रोकनी पड़ी है।’
गोडसे ने कहा कि देश में नोटों की कमी का यह भी एक कारण हो सकता है। उल्लेखनीय है नासिक रोड स्थित यह प्रेस 2000 रुपये के नोट को छोड़कर सभी नोट छापने में अग्रणी टकसाल में शुमार है। कर्मचारी ने हालांकि यह नहीं बताया कि नोटों की छपाई कब से बंद है।
एक दिन पहले 60 फीसदी एटीएम कर रहे थे काम
वहीं देश में नकदी की किल्लत की स्थिति में तेजी सुधार हो रहा है और देश भर के लगभग सवा दो लाख एटीएम में से 80 फीसदी सामान्य ढंग से काम कर रहे हैं। एक दिन पहले 60 फीसदी एटीएम काम कर रहे थे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक, बैंकों और नकदी को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने वाली कंपनियों के बीच आपसी तालमेल से स्थिति में सुधार दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि आमतौर पर 10-12 फीसदी एटीएम किसी न किसी कारणवश रखरखाव के लिए बंद रहते हैं यानी सामान्य दिनों में भी 88 फीसदी एटीएम ही काम करते हैं। नकदी की किल्लत की खबरों के बीच 80 फीसदी एटीएम का संचालित होना सामान्य माना जाएगा।
स्टेट बैंक में स्थिति सामान्य
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने कहा है कि पिछले 24 घंटे में उसके एटीएम में नकदी की उपलब्धता बढ़ी है। बता दें कि एटीएम और बैंकों में नकदी की किल्लत की खबर सबसे पहले दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से आई थी।
हैरानी की बात यह है कि पिछले दो साल में आंध्र और तेलंगाना को सबसे ज्यादा नकदी की सप्लाई की गई। इसका अर्थ यह है कि इन राज्यों में बड़े नोटों की जमाखोरी की जा रही है।