कांग्रेस की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेजा है। चर्चा है कि वो शिवसेना में शामिल हो सकती हैं।
17 अप्रैल को ही प्रियंका ने पार्टी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए ट्वीट किया था,
“काफी दुखी हूं कि अपना खून-पसीना बहाने वालों से ज्यादा गुंडों को कांग्रेस में तरजीह मिल रही है। पार्टी के लिए मैंने गालियां और पत्थर खाए हैं, लेकिन उसके बावजूद पार्टी में रहने वाले नेताओं ने ही मुझे धमकियां दीं। जो लोग धमकियां दे रहे थे, वह बच गए हैं। उनका बिना किसी कार्रवाई के बच जाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं।”
क्या है पूरा मामला?
इस ट्वीट के साथ एक चिट्ठी भी जुड़ी थी जिसे विजय लक्ष्मी के ट्विटर हैंडल से जारी किया गया है। दरअसल मामला मथुरा की उस प्रेस कॉन्फ्रेंस से जुड़ा है जिसमें प्रियंका ने राफेल मुद्दे पर भाजपा को घेरा था।
आरोप है कि कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी की। इसके बाद कुछ पर कार्रवाई भी हुई थी।
चिट्ठी में अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात की गई। लेकिन ये भी लिखा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर ये कार्रवाई रद्द कर दी गई है।