सोनभद्र नरसंहार मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की जिद के आगे मिर्जापुर जिला प्रशासन बैकफुट पर आ गया है।
आज यानी शनिवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सोनभद्र कांड के पीड़ितों की चुनार गेस्ट हाउस में प्रियंका गांधी से मुलाकात कराई।
वहीं प्रियंका ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि 15 पीड़ित परिवारों की मुझसे मुलाकात नहीं कराई है सिर्फ 2 लोगों को मुझसे मिलाया गया है।
मीडिया से बातचीत में प्रियंका ने कहा कि पीड़ित परिवारों को गेट के बाहर ही रोका गया है।
इससे पहले शनिवार सुबह प्रियंका ने कहा कि मैं जब तक परिवार के सदस्यों से नहीं मिलूंगी तब तक नहीं जाऊंगी।
उन्होंने कहा कि मुझे राहुल गांधी ने भेजा है और वो जनता की आवाज बनकर उठाती रहेंगी।
प्रियंका ने कहा इतना बड़ा हादसा हुआ है, आदिवासियों की जमीन को छीनने की कोशिश हुई है। इस घटना की पूरी जिम्मेदारी यूपी सरकार की है।
दरअसल प्रियंका गांधी को शुक्रवार को सोनभद्र जाने के दौरान रास्ते में हिरासत में ले लिया गया था। पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका यहां पीड़ित परिवारों से मिलने जा रही थीं।
हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका ने जमानत के लिए पर्सनल बॉन्ड देने से इनकार कर दिया था। शुक्रवार को भी उन्होंने कहा था कि मैं पीड़ितों से मिले बिना नहीं जाउंगी।
साथ ही वो लगातार मांग करती रहीं कि उन्हें पीड़ित परिवारों से मिलने और आगे बढ़ने की अनुमति दी जाए।
प्रियंका गांधी को मिर्जापुर जिले के चुनाव स्थित गेस्ट हाउस में ठहराया गया है। प्रियंका रात भर यहां रूकी थीं। अपने नेता के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ता भी गेस्ट हाउस के बाहर रात भर डटे रहे।