यूपी में बिजली के दाम बढ़ाने को लेकर विपक्ष ने योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। मायावती के बाद अब प्रियंका गांधी ने बिजली दरों पर विरोध जताया है।
प्रियंका ने ट्वीट कर लिखा, “पहले महंगे पेट्रोल-डीजल का बोझ और अब महंगी बिजली की मार, उप्र की भाजपा सरकार आम जनता की जेब काटने में लगी है। क्यों?
खजाने को खाली करके भाजपा सरकार अब वसूली जनता पर महंगाई का चाबुक चला कर रही है। कैसी सरकार है ये?
घरेलू बिजली की दरों में आठ से 12 फीसदी तक इजाफा किया गया है। दो साल के बाद बिजली के रेट बढ़ाए गए हैं। इससे पहले साल 2017 में बिजली के दाम बढ़े थे। इससे पहले साल 2017 में बिजली के दाम बढ़े थे।
इससे पहले यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया,” उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार द्वारा बिजली की दरों को बढ़ाने को मंजूरी देना पूरी तरह से जनविरोधी फैसला है।
इससे प्रदेश की करोड़ों खासकर मेहनतकश जनता पर महंगाई का और ज्यादा बोझ बढे़गा व उनका जीवन और भी अधिक त्रस्त व कष्टदायी होगा। सरकार इसपर तुरन्त पुनर्विचार करे तो यह बेहतर होगा।”
इस पर यूपी के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ट्वीटर पर मायावती को टैग करते हुए लिखा- बहन मायावती जी, ये सपा-बसपा के पाप रहे कि भ्रष्टाचार बढ़ता गया और बिजली कंपनियां भारी घाटे में चली गईं। सपा-बसपा के कार्यकाल में सिर्फ दरें बढ़ती थीं। भाजपा के कार्यकाल में दरें कम और बिजली आपूर्ति के घंटे ज्यादा बढ़े हैं।
उन्होंने आगे लिखा- सरकार ने बढ़ती दरों से गरीब को मुक्त रखा है। पूर्व सरकारों की आर्थिक अनियमितताओं के चलते मजबूरीवश कुछ श्रेणियों की बिजली दरों में आंशिक बढ़ोतरी करनी पड़ी है।
अब जिलों को 24, तहसील को 20 और गांव को 18 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। पूर्व सरकारों में कोई रोस्टर नहीं था। बिजली सिर्फ चहेते जिलों को ही नसीब होती थी।