लंदन : ब्रिटेन के लंदन पर रविवार को भारत और खालिस्तान समर्थक आपस में भिड़ गए। यहां पर ट्रफैलगर स्क्वॉयर पर खालिस्तान समर्थकों ने भारत से पंजाब राज्य को आजाद कराने के लिए जनमत संग्रह कराने के मकसद से कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस आयोजन में 2,500 से ज्यादा खालिस्तान समर्थक मौजूद थे। इस कार्यक्रम का आयोजन अमेरिका के सिख्स फॉर जस्टिस ग्रुप की ओर से किया गया था। रविवार को हुए कार्यक्रम को खालिस्तान गुट की ओर से ‘लंदन डिक्लेयरेशन’ करार दिया गया था।
कार्यक्रम में शामिल कई खालिस्तान समर्थक यूरोप और दूसरे हिस्सों से यहां पर पहुंचे थे और इन लोगों ने यूके के कुछ संगठनों की मदद से इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। साथ ही ऐसी खबरें भी हैं पाकिस्तान की ओर से भी इस कार्यक्रम को समर्थन हासिल था। मौके पर अच्छी-खासी तादाद में पुलिस बल मौजूद था ताकि खालिस्तान और भारत समर्थकों को अलग-अलग रखा जा सके। भारत की ओर से ब्रिटिश अथॉरिटीज से अनुरोध किया गया था कि इस कार्यक्राम को कैंसिल कर दिया जाए और इसकी मंजूरी न दी जाए। लेकिन ब्रिटेन अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देते हुए इस कार्यक्रम को मंजूरी दी और भारत के अनुरोध को अनसुना कर दिया था। ब्रिटेन की मनाही के बाद से भारत के साथ उसके रिश्तों पर भी असर पड़ा है।
भारत की ओर से आधिकारिक तौर पर बयान जारी किया गया। इस बयान में कहा गया, ‘एक अलगाववादी गतिविधि के लिए स्वीकृति देना भारत की राष्ट्रीय अखंडता के लिए धक्के के समान है और इसका मकसद हिंसा, अलगाववाद और नफरत का प्रचार करना है।’ भारत के समर्थकों ने बड़े-बड़े होर्डिंग्स ले रखे थे जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटोग्राफ थी। ग्रुप की ओर से देशभक्ति के गाने गाए जा रहे थे और साथ ही ढोल की तेज आवाजों पर डांस हो रहा था। वहीं खालिस्तान समर्थकों ने खालिस्तान के पक्ष में नारे लगाए और भारत की सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की।
We’re living in this country & they are talking about free Khalistan in India. This has been organised in conjunction with,we believe,help of ISI in Pak&Khalistanis in Canada: Former Chairman of Sardar Patel Memorial Society UK on pro-Khalistan protest in UK by’Sikhs for Justice’ pic.twitter.com/73yPjK9DB2
— ANI (@ANI) August 12, 2018
As per Metropolitan police 20K+ Sikhs attend London Declaration at Trafalgar Square #LDN2020Declaration #Referendum2020 pic.twitter.com/oRL2mMyvdh
— PUN_2020 (@2020_pun) August 13, 2018