राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने मीट को “बीमारी” बताते हुए दावा किया है कि इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद और उनके परिवार के लोग मीट नहीं खाते थे। इंद्रेश कुमार सोमवार (पांच जून) को दिल्ली स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) नामक संगठन की तरफ से आयोजित इफ्तार में शामिल होने गए थे। इंद्रेश कुमार को इफ्तार में बुलाने का कई छात्रों ने विरोध भी किया। जामिया मिल्लिया इस्लामिया एक अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय है।
इफ्तार में आए इंद्रेश कुमार ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पत्रकारों से भी बात की। इंद्रेश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि एमआरएम की भारतीय मुसलमानों से तीन बुनियादी मांगे हैं। एक, रमजान के दौरान उन्हें अपने मोहल्ले, गली, मस्जिद और दरगाह में पेड़ लगाना चाहिए ताकि पर्यावरण की रक्षा हो सके। दो, वो अपने घरों में तुलसी का पौधा लगाएं क्योंकि अरबी में इसे रेहान (जन्नत का पौधा) कहते हैं और इससे जन्नत नसीब होती है। तीन, कुमार ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद और उनके परिवार के लोग मीट नहीं खाते थे। इंद्रेश कुमार ने कहा, “मीट बीमारी है…दूध दवा है।” इंद्रेश कुमार ने दावा किया कि पैगंबर मोहम्मद ने मीट खाने की तुलना जहर खाने से की थी। इंद्रेश कुमार ने श्रोताओं से कहा कि भारतीय मुसलमानों को इस्लाम को “खूबसूरत” बनाना चाहिए न कि “बदसूरत।”
इंद्रेश कुमार एमआरएम के कार्यक्रमों में अक्सर शामिल होते हैं लेकिन वो इससे आधिकारिक तौर पर नहीं जुड़े हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रमों और इंद्रेश कुमार के उनमें शिरकत करने पर आरएसएस पहले स्पष्टीकरण भी दे चुका है। आरएसएस के आधिकारिक बयान के अनुसार मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से उसका कोई संबंध नहीं है और उसके वरिष्ठ सदस्य इंद्रेश कुमार निजी तौर पर एमआरएम के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं।
सोमवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में इंद्रेश कुमार ने भारतीय मुसलमानों से “गोश्त” न खाने की अपील की। इंद्रेश कुमार ने श्रोताओं से इफ्तार में गाय के दूध का शर्बत इस्तेमाल करने की भी अपील की। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वाइस-चांसलर तलत अहमद भी शामिल होने वाले थे लेकिन वो नहीं पहुंचे। ये कार्यक्रम विश्वविद्यालय के अंदर मौजूद स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में आयोजित किया गया था। इंद्रेश कुमार को इफ्तार में बुलाए जाने का विरोध कर रहे छात्रों और पुलिस में झड़प भी हुई। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के गेट नंबर सात पर विरोध कर रहे छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया और कुछ छात्रों को हिरासत में भी लिया था।
@एजेंसी