इंदौर– अगस्त 2013 से 16 साल की एक स्कूली छात्रा से बलात्कार के आरोप में जेल में बंद आशाराम बापू के ख़ास रहे सतीश वाधवानी को इंदौर से जम्मू कश्मीर की पुलिस अपने साथ गिरफ्तार कर ले गई ! सतीश का एम वाय अस्पताल में मेडिकल कराया गया ! बताया जाता है कि आशाराम को फ़साने के षड्यंत्र में हुई गिरफ़्तारी !
जम्मू कश्मीर पुलिस के उपनिरीक्षक सुरेश शर्मा के मुताबिक वर्ष 2013 में जम्मू के नवाबाद में आशाराम अनुयायियों ने सतीश वाधवानी के खिलाफ आशाराम को दुष्कर्म और यौन शोषण के आरोपों में फंसाने को लेकर षड्यंत्र रचने, झूठी गवाही देने के आरोप लगाते हुए एक निजी परिवाद दायर किया था। अदालत ने कई बार सतीश को पेश होने के लिए सूचना समन, जमानती वारंट जारी किए। इसके बाद भी पेश न होने पर अदालत ने सतीश के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया था।
जम्मू कश्मीर पुलिस के इंदौर पहुंचे दल ने सतीश को महात्मा गांधी रोड से हिरासत में लेकर लगभग तीन घंटे तक पूछताछ की। बाद में इंदौर जिला सत्र न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी प्रसन्न सिंह बेहरावत के न्यायालय के समक्ष पेश कर उसे प्रोडक्शन वारंट के तहत जम्मू कश्मीर ले जाने की गुहार लगाई।
न्यायालय के समक्ष सतीश वाधवानी ने आवेदन प्रस्तुत कर कहा कि वह आशाराम बापू के खिलाफ लगे दुष्कर्म के आरोपों में सरकारी गवाह है। पूर्व में इस प्रकरण से जुड़े गवाहों की हत्या किए जाने के कारण वह भयभीत है। इसी वजह से वह जम्मू कश्मीर नहीं जाना चाहता। न्यायालय ने सतीश का आवेदन खारिज कर, जम्मू कश्मीर पुलिस को सतीश की पुता सुरक्षा के निर्देश देते हुए उसे जम्मू ले जाने के आदेश दिए।
ज्ञात हो कि सतीश वाधवानी पूर्व में आशाराम बापू और उनके पुत्र नारायण साईं का लबे समय तक सेवादार रहा है। आशाराम बापू और नारायण साईं के खिलाफ दुष्कर्म और यौन शोषण के विभिन्न प्रकरणों में सतीश पुलिस का प्रमुख गवाह है।
इसी अपराध में सतीश की गिरफ़्तारी से नया सवाल खड़ा हो गया हैं ! क्योंकि सतीश आशाराम मामले में गवाह भी हैं और उसे सुरक्षा भी मुहैया कराई गई हैं !
रिपोर्ट – समीर खान