नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर पलटवार किया है।
प्रदर्शन पर बैठी महिलाओं ने कहा कि अगर सीएम को ही सीएए कानून समझ में आ गया है तो फिर वह ही हमें क्यों नहीं आकर समझा देते हैं।
ध्यान हो कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने शाहीन बाग के प्रदर्शन को लेकर लखनऊ में एक सभा में कहा कि शाहीन बाग में पुरुषों ने घर की महिलाओं को आगे कर दिया है। और ये महिलाएं इतनी ठंड में भी बच्चे लेकर रोड पर बैठीं हैं, जबकि उनके पति घर में रजाई के अंदर सो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि जो महिलाएं सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं उन्हें कानून की जानकारी तक नहीं है।
बता दें कि बुधवार को कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि और अब तो इन लोगों में इतनी भी हिम्मत नहीं रही कि यह लोग स्वयं आंदोलन करने की स्थिति में हो क्योंकि इन्हें मालूम है कि अगर यह तोड़फोड़ करेंगे तो इनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
अपने घर की महिलाओं को चौराहे चौराहे पर बिठाना प्रारंभ कर दिया है, बच्चों को बिठाना प्रारंभ कर दिया है। इतना बड़ा अपराध कि पुरूष घर में सो रहा है रजाई ओढ़कर और महिलाओं को आगे करके चौराहे-चौराहे पर बिठाया जा रहा है।
उन्होंने कांग्रेस, सपा और वामपंथी दलों पर आरोप लगाया कि विपक्षी दल महज राजनीति कर रहे हैं और विरोध के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। विरोध के नाम पर महिलाओं को आगे किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ”आप जाके पूछे उनसे किसी से भी कि धरने पर क्यों बैठे है तो कहते हैं कि घर के मर्द कहते है कि हम इतने अक्षम हो चुके हैं कि कुछ कर सकें इसलिये तुम धरने पर जाकर बैठ जाओ। इनके लिये देश महत्वपूर्ण नहीं है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं फिर इस मंच से कहूंगा कि लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन देना सब का अधिकार है। लेकिन, कोई सार्वजनिक संपत्ति को, व्यापारिक प्रतिष्ठानों को जलायेगा, तोड़फोड़ करेगा तो हम उसकी संपत्ति से वसूली करके ले लेंगे और आगे के लिए हम उनको वह सजा देंगे कि आने वाली पीढ़ी उन्हें याद करेगी कि कैसे कार्य होते हैं। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कीमत क्या होती है इसके बारे में उनको 10 बार सोचना पड़ेगा।”
उन्होंने कहा कि भारत की धरती पर खास करके उत्तर प्रदेश की धरती पर मैं यह कहूंगा की धरना प्रदर्शन के नाम पर कश्मीर में जो नारे कभी आजादी के लगते थे अगर इस प्रकार के नारे लगाने का कार्य करोगे तो देशद्रोह की श्रेणी में आएगा।
फिर इस पर कठोर कार्रवाई करने का कार्य सरकार करेगी। यह स्वीकार नहीं हो सकता है कि भारत की धरती पर रह कर भारत के खिलाफ षड्यंत्र करने की छूट हो।