कर्नाटक के बेंगलुरू शहर में एम.जयशंकर उर्फ शंकर नाम के कैदी ने इस हफ्ते खुदकुशी कर ली। तमिलनाडु और कर्नाटक में वह साइको सीरियल किलर के रूप में कुख्यात था। हाईवे से 20 महिलाओं को उठाकर उसने उन्हें अपनी हवस का शिकार बनाया था।
आरोपी ने इन सभी घटनाओं को साल 2008 से 2012 के बीच अंजाम दिया था, जिसके बाद उसके खिलाफ इन सभी मामलों में मुकदमे चल रहे थे। 38 वर्षीय शंकर ट्रक ड्राइवर था। उसके अपराध कन्नड़ फिल्मों के विषय थे।
मंगलवार को केंद्रीय कारागार में उसने शेविंग करने वाली ब्लेड से अपना गला रेत कर अपनी जान ले ली। शंकर ने जिन घटनाओं को अंजाम दिया, उनमें से अधिकतर तमिलनाडु में हुई थीं।
वहीं कर्नाटक में उसके बारे में लोग तब जाने थे, जब वह एक सितंबर 2013 को बेंगलुरू की जेल से भागा था। हालांकि, पांच दिनों बाद उसे फिर पकड़ लिया गया था।
भागने के दौरान वह जेल की 30 फीट ऊंची दीवार फांद गया था। इसी चक्कर में उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। शंकर की मौत पर जेल अधिकारियों का कहना है कि वह हाल के दिनों में बीमारी के कारण बिस्तर पर था और अवसाद से घिरा था।
कर्नाटक के एक वरिष्ठ पुलिसकर्मी के अनुसार, “शंकर महिलाओं की इज्जत लूट कर उन्हें मार देता था। कई बार तो वह पहले उन्हें मौत के घाट उतारता था। फिर लाश के साथ बलात्कार करता था।”
आरोपी मूलरूप से तमिलनाडु में सलेम जिला स्थित ईडापड़ी तालुक के कोनासमुद्रम गांव का रहने वाला था। तमिलनाडु में 2011 में पुलिस की चंगुल से फरार होने के बाद उसने कर्नाटक में लगातार कई हत्याएं कीं।
कुख्यात शंकर ने जेल में रहने के दौरान अब्दुल मुजस्सिम पाशा नाम के कैदी से दोस्ती भी कर ली थी, जो दहेज के मामले में जेल में सजा काट रहा था। पुलिस को पता लगा कि जेल से भागने के बाद उसने पाशा से संपर्क साधा था।
पुलिस को इसी के बाद पता लगा कि वह जेल से छह किलोमीटर दूर ही छिपा था। हालांकि, पुलिस ने उसे बाद में गिरफ्तार कर लिया था।