श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि पुलवामा हमले का इस्तेमाल कश्मीर के लोगों को सताने या परेशान करने के लिए बहाने के रूप में नहीं होने देना चाहिए।
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि हम दर्द और गुस्से को समझते हैं लेकिन हमें पुलवामा हमले को जम्मू कश्मीर के लोगों को सताने या परेशान करने के लिए शरारती तत्वों द्वारा इसे एक बहाने के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।
उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि कश्मीर के लोग किसी और की करनी पर ऐसी प्रतिक्रिया क्यों सहें?
पूर्व सीएम ने कहा, ‘हमें लोगों को हमारे आंसुओं का इस्तेमाल करने देने की बजाय एकजुट होने की जरूरत है।’
पीडीपी प्रमुख की यह टिप्पणी जम्मू में हिंसक प्रदर्शन और राज्य के बाहर कुछ स्थानों पर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाए जाने की रिपोर्टों के बाद आई है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘दर्द और आक्रोश के इस वक्त में हमें बांटने की कोशिशें होंगी। मजहबों और पहचानों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जाएगा। हिन्दू बनाम मुस्लिम और जम्मू बनाम कश्मीर।’
उन्होंने आगे कहा कि हमारे दर्द को इस तरह की शैतानी योजनाओं को कामयाब होने में इस्तेमाल नहीं होने देना चाहिए।
उन्होंने अपने ट्वीट में एक अफ्रीकी लोकोक्ति का हवाला दिया जिसका अर्थ है- ‘कुल्हाड़ी भूल जाती है लेकिन पेड़ को याद रहता है।’ इसका जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि जिस पर बीतती है वह ही उस तकलीफ को याद रखता है।