मैनपुरी : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद मैनपुरी के लाल राम वकील की मां के आंखों के आंसू ठीक से सूखे भी नहीं कि उनके परिजनों पर दबंगों का कहर बरसाना शुरू हो गया। वो भी उस चिता की जमीन को लेकर जिसपर शहीद का अंतिम संस्कार हुआ। अब डरे-सहमे परिजन अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
दरअसल मामला मैनपुरी के बरनाहल थाना क्षेत्र के ग्राम विनायकपुर का है। जहां पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए राम वकील माथुर को सरकार की तरफ से शहीद स्थल बनाने के लिए कुछ गज जमीन मुहैया कराई गई थी। वही जमीन को अब कुछ दबंग कब्जा करने की फिराक में है। डरा सेहमा परिवार अब अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है।
शहीद की पत्नी व परिवार वालों ने जिला अधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय को एक शिकायत पत्र में बताया है कि गांव के ही कुछ दबंग उनकी एक एकड़ भूमि पर कब्जा करना चाहते हैं और उन्हें धमकियां दे रहे हैं। जिससे शहीद का परिवार सदमे में है। शहीद के परिवार का कहना है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री व बटालियन के अधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं मगर अभी तक कोई भी मदद नहीं मिली है।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन हमले (pulwama attack) में 44 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। शहीदों में यूपी के मैनपुरी के रहने वाले हेड कॉन्स्टेबल रामवकील माथुर भी थे। मैनपुरी जिले के दन्नाहार थाने के विनायपुरा गांव के रहने वाले रामवकील 2001 में सिपाही के पद पर सीआरपीएफ (CRPF) में भर्ती हुए थे। 2003 में उनकी शादी इटावा के अशोक नगर निवासी गीता के साथ हुई थी। जम्मू में तैनाती से पहले रामवकील अलीगढ़ में तैनात थे।