पुणे के सिविल कोर्ट में परिवारिक मामले की सुनवाई के इतिहास में पहली बार एक अनोखा मामले सामना आया, जब कपल ने वीडियो कॉलिंग सर्विस Skype स्काइप के जरिए तलाक की मांग की। तलाक के मामले में सुनवाई के लिए पति सिंगापुर से कोर्ट में हाजिर हुआ, वहीं किसी काम के चलते पत्नी कोर्ट नहीं पहुंच सकी। जिसके बाद कोर्ट ने महिला को स्काइप पर अपना पक्ष रखने की इजाजत दी। पति और पत्नी ने आपसी सहमति के जरिए हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के सेक्शन 13B के तहत अगस्त 2016 में कोर्ट में तलाक की अर्जी दी थी। याचिका में दोनों की शादी के टूटने का जिक्र किया।
पुणे मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक याचिका में बताया गया कि कपल एक ही कॉलेज में पढ़ता था। इस दौरान दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। दोनों ने शादी का फैसला किया और हिंदू रीति-रिवाजों से दोनों का विवाह संपन्न हुआ। जिसके बाद दोनों पुणे में शिफ्ट हो गए और अलग-अलग कंपनियों में काम करने लगे। उन्होंने एक फ्लैट भी खरीदा।
कुछ महीने बाद दोनों को विदेश जाकर नौकरी करने का मौका मिला। पति को सिंगापुर में और महिला को लंदन में नौकरी करने का अवसर मिला। पति सिंगापुर जॉब करने चला गया जबकि पत्नी पुणे में रह गई। पत्नी ने कहा कि वह भी विदेश में नौकरी करना चाहती थी, लेकिन शादी उसके करियर के आगे आ रही थी।
याचिका में बताया कि इस वजह से दोनों में तनाव पैदा होने लगे और उनके विचारों में भिन्नता होने लगी। पारिवारिक रिश्तों में तनाव बढ़ता देख दोनों ने आपसी सहमति से तलाक लेने का फैसला किया। तलाक के लिए कोर्ट में पति-पत्नी की ओर से अर्जी दी गई। अर्जी देने के बाद पत्नी भी नौकरी करने के लिए लंदन चली गई। नई नौकरी की शर्तों के तहत वह कोर्ट में सुनवाई के लिए हाजिर नहीं हो सकती थी।
जिसके बाद पत्नी की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करने के अपील की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। पति और पत्नी की ओर कोर्ट में उनके वकील पेश हुए। वकील ने पुणे मिरर को बताया कि पुणे में यह मामला है, जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तलाक की इजाजत दी गई हो। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए पति-पत्नी को तलाक की इजाजत दे दी।