मुसलमानों के पवित्र माह रमजान के दौरान चीन के शिनजियांग प्रांत में करीब 100 वीगर मुसलमानों को चीन सरकार के नियम तोड़कर रोजा (व्रत) रखने पर सजा दी गई है। रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) की रिपोर्ट के अनुसार कुछ वीगर मुसलानों पर चीन सरकार ने जुर्माना लगाया गया है जबकि कइयों को “सुधारवादी शिक्षा” के लिए भेजा गया है। वर्ल्ड वीगर कांग्रेस ने आरएफए को बताया कि चीन सरकार रमजान के दौरान दिन में लंच न करने वाले मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों पर जुर्माना और अन्य तरह के प्रतिबंध लगा रही है।
वर्ल्ड वीगर कांग्रेस के प्रवक्ता डिलशैट रैक्जिट ने आरएफए से कहा कि 27 मई को रमजान शुरू होने के बाद से करीब 100 वीगर मुसलमानों को काशगर और होतान में चीन सरकार की नीति तोड़ने के लिए सजा दी जा चुकी है। प्रवक्ता के अनुसार कुछ वीगर मुसलमानों पर चीन सरकार ने नियम तोड़ने के लिए 500 युआन तक का जुर्माना लगाया है। प्रवक्ता ने कहा कि गरीब वीगर मुसलमानों पर इतनी बड़ी राशि का जुर्माना लगाना सजा की कठोरता साफ कर देता है।
प्रवक्ता के अनुसार जिन लोगों को सजा दी गई है उनमें से कुछ किसान हैं और कुछ राज्य सरकार के कर्मचारी हैं या सरकारी अधिकारी हैं। इन सभी को नियमों के खिलाफ रमजान में रोजा रखने के लिए सजा दी गई है। वीगर कांग्रेस के प्रवक्ता के अनुसार चीन में मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को दबाव डालकर रोजा न रखने के लिए मजबूर किया जाता है जिससे वो सरकार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित कर सकें।
वीगर कांग्रेस के प्रवक्ता के अनुसार पुलिस, नागरिक सुरक्षा दल और सुरक्षा एजेंटों का दल खेतों में जाकर लोगों को खाना और पानी दे रहे हैं ताकि वो रोजा न रखें। शिनयिजांग प्रांत में रमजान के दौरान रेस्तरां एवं खाने-पीने की अन्य दुकानों के बंद रखने पर भी रोक है। एक वीगर मुस्लिम जुओ ने आरएफए को बताया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने कई कार्यकर्ताओं को रोजा रखने के लिए पार्टी से निकाल दिया है। शिनजियांग प्रांत में करीब 45 प्रतिशत आबादी वीगर मुसलमानों की है। चीन सरकार ने शिनजियांग में नाबालिग बच्चों को जबरदस्ती धार्मिक शिक्षा देने इत्यादि पर रोक लगा रखी है।