अमृतसर: पंजाब पुलिस ऑफिसर सलविंदर सिंह, जिन्हें पठानकोट हमले से पहले आतंकियों ने किडनैप कर लिया था, उन्हें अब बलात्कार के आरोप में 10 वर्ष की सजा सुनाई गई है। गुरुवार को गुरदासपुर के एडिशनल डिस्ट्रीक्टर और सेशंस जज प्रेम कुमार ने उन्हें यह सजा सुनाई। 10 वर्ष की सजा के अलावा उन्हें भ्रष्टाचार के केस में भी पांच वर्ष की सजा सुनाई गई है। उनकी दोनों सजा एक साथ चलेंगी। गुरदासपुर के पूर्व एसपी रहे सलविंदर को अमृतसर की सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है क्योंकि गुरदासपुर जेल अथॉ
सलविंदर सिंह एक रेप केस की जांच कर रहे थे जिसमें पीड़िता के पति पर बलात्कार का आरोप था। जांच ऑफिसर होने के नाते वह अक्सर पीड़िता के घर जाते थे। अभियोजन पक्ष की मानें तो यहां पर सलविंदर सिंह ने इसी दौरान पति से पैसे एंठने के एवज में पीड़िता के साथ बलात्कार किया। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि सिंह ने उनसे 50,000 रुपए की मांग की और कहा कि अगर उन्हें पैसे दिए जाएंगे तो फिर उनके पति के खिलाफ हो रही कानूनी प्रक्रिया को तेज कर दिया जाएगा। पुलिस ने सिंह के मोबाइल फोन को ट्रेस किया और उन्हें इस बात के बारे में जानकारी मिली कि सिंह पीड़िता के साथ लगातार संपर्क में थे।
सिंह कई माह तक गायब थे और उन्हें ड्यूटी से सस्पेंड कर दिया गया था। पंजाब और चंडीगढ़ हाई कोर्ट से उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद वह एक ‘घोषित अपराधी’ थे। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और रेप का केस जब दर्ज किया गया जब पीड़िता के पति ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत डिस्ट्रीक्ट जज सलवान सिंह बाजवा के पास भी दर्ज कराई गई थी। 20 अप्रैल 2017 में पूर्व एसपी रह सलविंदर ने सरेंडर कर दिया था। सिंह के वकील हरभजन सिंह ने कहा है कि वह इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।
सलविंदर सिंह जनवरी 2016 में पठानकोट स्थित इंडियन एयरफोर्स के बेस पर हुए आतंकी हमले के साथ खबरों में आए थे। उनका कहना था कि उन्हें हमले में शामिल आतंकियों ने किडनैप कर लिया था। नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने उन्हें संदिग्ध माना था। एनआईए ने उनके खिलाफ अपराधियों का मदद पहुंचाने के मामले में जांच शुरू की थी। हालांकि बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी।