दमोह – वह अब दूर नहीं जब शहर को पिछडा और नीरस मानने वालों के मुंह बंद हो जायेंगे तो वहीं यहां निवास करने वाले अपने शहर की तारीफ करते हुये नहीं थकेंगें। जी हां एैसा ही कुछ होने में कुछ ही माह शेष बतलाये जाते हैं। लगातार चल रहे विकास कार्यों की धुंधली तस्वीर अब शनै:शनै:सामने आने लगी है वह चाहे सडकों के निर्माण के मामले में हो या फिर सौन्द्रीयकरण को लेकर हो। विदित हो कि जिले में लगातार कुछ महिनों से विकास की नयी गाथा लिखने का कार्य चल रहा है। अगर इसके कार्यों की शुरूआत पर नजर डालें तो किसी का कंठ सूखा न रहे इस पवित्र उद्ेश्य को लेकर जहां शहर में गंगा लायी गयी तो वहीं बाबा औघढदानी के क्षेत्र को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर उकेरने पर तुरंत प्रयास प्रारंभ कर दिये गये।
मिशन 100 डे का नाम देकर दशकों से व्याप्त पेयजल समस्या के समाधान को लेकर जिले के कलेक्ट्रर स्वतंत्र कुमार सिंह द्वारा शुरूआत किया गया। समय सीमा में मिशन पूर्ण होते ही तत्काल बांदकपुर में जागेश्वरनाथ की शरण में पहुंच यहां होने वाले विकास की भी समय सीमा इन्होने तय कर दी। तो वहीं दूसरी ओर शहर के अतिक्रमणों को हटा नवीन एवं चौडे मार्ग के निर्माण को लेकर भी समय सीमा तय कर लगातार कार्य जारी देखा जा सकता है। इसी क्रम में इतिहास एवं पुरात्व की दिशा में भी लगातार कार्य होने से अब दमोह के विकास के नये आयाम स्थापित होते देखा जा सकता है।
पर्यटन के मानचित्र पर बांदकपुर-
भगवान औघढदानी शिव जागेश्वरनाथ का प्राचीन मंदिर अब विश्व पर्यटन के मानचित्र पर अंकित की योजना पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। जिले के कलेक्ट्रर स्वतंत्र कुमार सिंह द्वारा इस दिशा में प्रयास ही तेज नहीं किये अपितु यह कहा जाये कि कार्य प्रारंभ हो चुका है तो शायद कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री जागेश्वर नाथ जी मंदिर बांदकपुर के परिसर को आधुनिक रूप से विकसित किया जा रहा है। मंदिर परिसर को इस तरह से विकसित किया जा रहा है कि पर्यटक श्रृद्धालु भगवान जी के दर्शन कर परिवार सहित आर्कषक पार्क-आर्गनिक फार्म, आधुनिक पार्क, डेरी फार्म, गार्डन, औषधीय पौधे, म्यूजिकल फाउटेंन का आनंद उठा सके। प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्क लखनऊ के लोहिया पार्क की तरह डेबलप किया जायेगा।
सडकों का निर्माण और
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नगर में होते विकास में सडकों के निर्माण में लगातार तेजी देखी जा सकती है। वह दिन दुर नहीं जब शहर की सडकें अन्य विकसित शहर को टक्कर देते दिखलायी देंगी। यह सडकें पूर्व के मुकाबले अधिक चौडी एवं सौन्दर्यीकरण से युक्त बनने जा रही है। नगर के मध्य से होकर निकलने वाली सडक का नजारा कुछ जगहों पर तो फोर लाईन की तरह दिखलायी दे रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आर्कषक डिवाईडरों के साथ ,लाईट एवं चेकर टाईल्स भी लगाये जा रहे हैं। जानकारों की माने तो इससे जहां एक ओर यातायात के बढते दवाब को कम किया जा सकेगा तो वहीं सुन्दरता से लोगों का एक अलग अनुभूति होगी। जबकि शहर के बाहर से वायपास का निर्माण भी किया जा रहा है जिसके चलते रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण हो जाने के बाद शहर से हैवी ट्रेफिक भी खत्म हो जाएगा।
30 जून तक का समय –
प्राप्त जानकारी के अनुसार दमोह कटनी मार्ग के निर्माण के साथ ही अन्य शहरी क्षैत्र में निर्माणाधीन सडकों को लेकर भी कलेक्ट्रर श्री सिंह ने समय सीमा तय कर रखी है। आगामी 30 जून तक सडकों का निर्माण कार्य समाप्त करने के लिये कहा गया है। विदित हो कि मप्र सडक विकास प्रधिकरण एमपीआरडीसी द्वारा दमोह-कटनी मार्ग पर 18 किमी सडक का निर्माण 276 करोड रूपए की लागत से किया जा रहा है। डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर जेपी शर्मा के अनुसार फोर-लेन एवं टू लाईन सडक निर्माण के तहत नगर के मध्य से 450 किमी क्षेत्र से दो मार्ग निकला जा रहा है। इन्होने बतलाया कि कीर्ति स्तंभ से धरमपुरा तक टू-लेन सडक का निर्माण हो रहा है। वहीं तीन गुल्ली से घटा घर होते हुए कीर्ति स्तंभ तक फोर-लेन सडक बनाई जा रही है।