मंडला- मध्य प्रदेश के मंडला में डोल ग्यारस पर्व पर नगर के सभी राधा-कृष्ण मंदिर से डोले निकाले गए। इन डोलो में राधा-कृष्ण की प्रतिमाओं को डोलो में बैठाकर मंदिर से निकाल कर नगर भ्रमण कराया जाता है। डोलो को नर्मदा तट तक ले जाने के बाद नौका विहार कराया जाता।
बुधवारी स्थित राधा-कृष्ण मंदिर के पुजारी शंकर लाल शुक्ला ने बताया कि मंडला जिले में भगवान् कृष्ण और राधा के नोका विहार करने की परंपरा काफी पुरानी है। मंडला महिष्मति नगरी है इसलिए यहाँ यह परंपरा है। आज की एकादसी के दिन कृष्ण करवट बदलते है। नगर पालिका परिषद मंडला के अध्यक्ष अनिल बाबा मिश्रा ने बताया कि कृष्ण का जन्म जमुना किनारे हुआ था तब वो अपनी माँ के साथ जमुना स्नान के लिए जाते थे। उसी तरह मंडला में कृष्ण को राधा के साथ डोले में बैठाकर नर्मदा में नोका विहार कराया जाता है। सभी राधा – कृष्ण मंदिरों से डोलो को आकर्षक रूप से सजा कर गाजे – बाजे के साथ नर्मदा तट पर लाया जाता है उसके बाद विधि पूर्वक पूजन – अर्चन के साथ उन्हें नोका विहार कराया जाता है। इस अवसर पर नर्मदा किनारे मेला भी लगता है। इस ख़ास मौके के लिए नगर पालिका द्वारा व्यापक इंतिज़ाम भी किये जाते है। राधा – कृष्ण के नोका विहार के आकर्षक नज़ारे को देखने बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर्मदा तट पर पहुँचते है।
डोल ग्यारस पर्व पर राधा-कृष्ण के नोका विहार के मद्देनज़र नर्मदा तटों पर सुरक्षा के भी व्यापक इंतिज़ाम किये गए थे। घाटों पर नगर पालिका और होम गॉर्ड के प्रशिक्षित गोताखोर लाइफ सेविंग जैकेट्स के साथ नर्मदा ताट पर तैनात थे। नावों पर भी पुलिस बारीकी से नज़र रखे हुए थी। किस अनहोनी से बचने के लिए मोटर बोट भी नर्मदा में पेट्रोलिंग कर रही थी। घाटों और मेला स्थल में पुलिस की भी चाक – चौबंध व्यवस्था रही। देर शाम बालाघाट जोन के आई जी ने भी नगर के साथ – साथ घाटों का मेला स्थल का जायजा लिया।
रिपोर्ट- @सैयद जावेद अली