लखनऊ – डिस्कोथेक बियर बार और रियल एस्टेट जैसे कारोबार से जुड़े रहे सचिन दत्ता से महामंडलेश्वर बने सच्चिदानंद गिरि पर आरोपों की बौछार के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद हरकत में आया है।
जांच समिति के गठन के बाद अब सोमवार को सच्चिदानंद गिरि के किसी भी धार्मिक आयोजन में शामिल होने पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई। इसी तरह जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर राधे मां पर भी पाबंदी की सलाह दी गई है।
निरंजनी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के मुताबिक सच्चिदानंद गिरि बतौर महामंडलेश्वर न तो कुंभ के शाही स्नान और न ही किसी दूसरे धार्मिक आयोजन में ही शामिल हो सकेंगे। वह आम श्रद्धालु के तौर पर भले ही मेले में जा सकते हैं। जांच समिति की ओर से उन्हें क्लीन चिट मिलने तक उन पर यह रोक लगी रहेगी।
इसी तरह जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर राधे मां पर मुंबई में एफआईआर दर्ज होने के बाद अखाड़ा परिषद की ओर से बतौर महामंडलेश्वर नासिक कुंभ मेले और किसी भी धार्मिक आयोजन में उनके शामिल न होने की सलाह जूना को दे दी गई है।
हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय जूना ही लेगा। वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष महंत ज्ञानदास का दावा है कि सच्चिदानंद पर लगाए गए आरोपों के सामने आने के बाद उन्हें तत्काल पद से हटा दिया गया है।
साधु समाज में महामंडलेश्वर बनाए जाने के पूर्व उसकी शिक्षा-दीक्षा के साथ संत जीवन से पूर्व की पृष्ठभूमि सहित कई अन्य विषयों की जांच की जाती है लेकिन लगता है कि जल्दबाजी में यह जांचें नहीं की गई।
श्रीपंच रामानंदीय अखिल भारतीय निर्वाणी अनी अखाड़े के श्रीमहंत धर्मदास कहते हैं कि मौजूदा विवाद से संत समाज की मर्यादा गिरी है। आरोप के बाद उनको स्वत: त्याग पत्र दे देना चाहिए।
डिस्को थेक, बीयर बार, रियल स्टेट जैसे कारोबार से जुड़े रहे नोएडा के सचिन दत्ता, अब सच्चिदानंद गिरि को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद धर्मक्षेत्र में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है।
हैरत की बात यह कि अखाड़ों के जिम्मेदार सचिव, सभापति से लेकर आचार्य महामंडलेश्वर और धन-संस्कार के विवाद में ही अखाड़ों से नाता तोड़ चुके महामंडलेश्वर तक इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। पहली बार फोन उठा भी तो मामला जानने के बाद फिर फोन करने की बात कहकर स्विच ऑफ कर दिया।
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने मामले की जानकारी न होने की बात कहकर, बाद में फोन करने की बात कही लेकिन फिर उनसे संपर्क नहीं हो सका। सच्चिदानंद गिरि ने जिस अखाड़े से नाता जोड़ा है, उसके आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी पुण्यानंद गिरि ने कहा, मेरा इससे कुछ लेना-देना नहीं है, इस बारे में अखाड़े के पदाधिकारी ही जानें।
इसी तरह जिस अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी से सच्चिदानंद कथित तौर पर दो वर्ष तक जुड़े रहे, उन्होंने मौन व्रत धारण करके बोलचाल से नाता तोड़ लिया है।
शराब, बार और रियल एस्टेट कारोबार में हाथ आजमा चुके सचिन दत्ता की तमन्ना थी कि वह नेता बने। नेताओं के पीछे लगने वाली भीड़ से वह काफी प्रभावित था। सचिन दत्ता का नोएडा से करीब 20 साल पुराना नाता है। उसके साथी रहे एक व्यक्ति ने बताया कि सचिन हर समय यही कहता रहता था कि कारोबार में मजा नहीं आ रहा है।
जल्दी-जल्दी कारोबार बदलने के चलते उसने ठान लिया था कि अब वह नेता बनेगा। उसे पता था कि नेता बनने के बाद उसके साथ सरकारी सुरक्षा होगी, नाम के साथ-साथ रुतबा भी बढ़ेगा।
कई नेताओं ने उसे आश्वासन भी दिया था लेकिन उसकी हसरत पूरी न हो सकी। आजकल करते करते लंबा समय बीत गया।