नई दिल्ली- जैसी उम्मीद थी, वैसा ही हुआ। मौद्रिक नीति की समीक्षा में आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। यह राजन की तरफ से पेश अंतिम समीक्षा रही।
राजन ने उम्मीद जताई है कि जीएसटी लागू होने से अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा। खुदरा महंगाई दर पांच फीसदी रहने का अनुमान है तो विकास दर के 7.6 फीसदी रहने की उम्मीद है।
मालूम हो, वित्त मंत्रालय ब्याज दर तय करने के लिए नई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) गठित करने की अंतिम प्रक्रिया में है। एमपीसी का अध्यक्ष आरबीआई गवर्नर होगा लेकिन उसके बाद मर्जी से ब्याज दर तय करने का अधिकार नहीं होगा।
इस तरह से ब्याज दरों पर अंतिम तौर पर फैसला करने के अधिकार का इस्तेमाल करने वाले राजन अंतिम आरबीआई गवर्नर होंगे। राजन के उत्तराधिकारी के चयन का काम भी अंतिम चरण में है और माना जा रहा है इसकी घोषणा भी शीघ्र की जाएगी। एमपीसी के लिए वैसे चार फीसद महंगाई का लक्ष्य तय कर दिया गया है।
राजन ने अपने तकरीबन तीन साल के कार्यकाल के दौरान जितने सुधारों को लागू करवाया है, वैसा उदाहरण आरबीआई में बहुत कम देखने को मिलता है। गवर्नर बनने के तुरंत बाद ही उन्होंने ब्याज दर तय करने के लिए थोक मूल्य आधारित व्यवस्था को हटाकर उसकी जगह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आधार बनाया। [एजेंसी]