जम्मू : दो दिवसीय दौरे पर जम्मू पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि जब भी मैं जम्मू-कश्मीर आता हूं, मुझे लगता है कि मैं घर आ गया हूं। मेरे परिवार का जम्मू-कश्मीर से पुराना रिश्ता है। राहुल ने ‘जय माता दी’ के जयघोष से पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया। इसके बाद मीडियो को मित्रों शब्द से संबोधित किया, फिर तंज कसते हुए कहा कि मैंने मित्रों शब्द से संबोधित तो कर दिया लेकिन ये मित्रों जैसा काम नहीं करते। ये हमारे मित्रों का काम न करके उनके मित्रों का काम करते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं एक महीने में दो बार जम्मू-कश्मीर आया हूं और जल्द ही लद्दाख भी जाना चाहता हूं। मैंने श्रीनगर में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में आते ही मुझे लगता है कि मैं घर आया हूं। ये प्रदेश(यूटी) पहले राज्य था, इसका मेरे परिवार से पुराना रिश्ता है। यहां आकार मुझे बहुत खुशी होती है। लेकिन दुख इस बात का है कि जो आपकी संस्कृति है, उसे भाजपा और आरएसएस तोड़ने का काम कर रही है। इस सरकार ने जम्मू-कश्मीर के भाईचारे पर आक्रमण किया है।
राहुल गांधी ने कहा कि माता वैष्णो देवी के धाम में दुर्गा जी, लक्ष्मी जी और सरस्वती जी विराजमान हैं। दुर्गा वो शक्ति हैं जो रक्षा करती हैं। लक्ष्मी जी लक्ष्य को पूरा करती हैं और सरस्वती जी ज्ञान देती हैं। ये तीनों शक्तियां जब घर और देश में होती हैं तो तरक्की होती है। जीएसटी, नोटबंदी और किसानों के लिए लाए गए कानूनों से भारत में माता लक्ष्मी की शक्ति घटी है। हिंदुस्तान के हर संस्थान में आरएसएस के लोग बैठाए गए हैं, जिससे माता सरस्वती की शक्ति घटी है। लोगों को भाजपा से सवाल पूछना चाहिए कि माता की शक्तियों को आप क्यों नष्ट कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि आज मैंने अपने कश्मीरी पंडित भाइयों से बात की। उन्होंने बताया कि भाजपा ने हम लोगों से केवल छलावा किया है। मैं अपने कश्मीरी पंडित भाइयों को विश्वास दिलाता हूं कि हम आपकी मदद करेंगे। मैं भी कश्मीरी पंडित हूं, मेरा परिवार भी कश्मीरी पंडित है।
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राहुल का जम्मू संभाग का यह पहला दौरा है। पिछले एक महीने में जम्मू-कश्मीर के दौरे पर वे दूसरी बार आए हैं। इससे पहले वे नौ व 10 अगस्त को श्रीनगर आए थे जहां उन्होंने पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया था। इससे पहले उन्होंने गुरुवार को मां वैष्णो देवी के दरबार में हाजिरी लगाई। कटड़ा से भवन तक वे पैदल ही गए। शाम की आरती में शामिल होने के बाद वे रात को ही जम्मू आ गए थे। दर्शन के बाद भवन से अर्धकुंवारी तक बैटरी कार से आए राहुल ने शेष रास्ता पैदल ही तय किया। रास्ते में वैष्णो देवी दर्शन के लिए जा रहे कई यात्रियों से बात की। अपने बीच पाकर भक्तों ने उनके साथ सेल्फी भी ली।