नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक विवादित अध्यादेश को लेकर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए कहा कि हम ‘2017’ में जी रहे हैं ना कि ‘1817’ में। उन्होंने एक खबर भी टैग की है, जिसका शीर्षक है कि कानूनी विशेषज्ञों की राय में राजस्थान का अध्यादेश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा पूरी विनम्रता से मैं कहना चाहता हूं कि हम 21वीं सदी में हैं, यह 2017 है, 1817 नहीं । खबर के मुताबिक इस अध्यादेश में पूर्वानुमति के बगैर कानूनी अधिकारियों और लोक सेवकों के खिलाफ जांच पर रोक का प्रावधान है और मीडिया को भी इससे रोका गया है।
Madam Chief Minister, with all humility we are in the 21’st century. It’s 2017, not 1817. https://t.co/ezPfca2NPS
— Office of RG (@OfficeOfRG) October 22, 2017
बता दें कि सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में राजस्थान सरकार एक ऐसा बिल लाने जा रही है जो एक तरह से सभी सांसदों-विधायकों, जजों और अफ़सरों को लगभग इम्युनिटी दे देगा। उनके ख़िलाफ़ पुलिस या अदालत में शिकायत करना आसान नहीं होगा । सीआरपीसी में संशोधन के इस बिल के बाद सरकार की मंज़ूरी के बिना इनके ख़िलाफ़ कोई केस दर्ज नहीं कराया जा सकेगा । यही नहीं, जब तक एफआईआर नहीं होती, प्रेस में इसकी रिपोर्ट भी नहीं की जा सकेगी । ऐसे किसी मामले में किसी का नाम लेने पर दो साल की सज़ा भी हो सकती है ।
इस बिल के अनुसार किसी जज या पब्लिक सर्वेंट की किसी कार्रवाई के खिलाफ, जो कि उसने अपनी ड्यूटी के दौरान की हो, आप कोर्ट के जरिए भी एफआईआर दर्ज नहीं कर सकते । ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कराने के लिए सरकार की मंजूरी लेना जरूरी होगा।