36.1 C
Indore
Friday, March 29, 2024

ऐसे ’अपनों’ से बचें राहुल गांधी

पिछले के कई बरसों से देश में कोई भी चुनाव हो, राहुल गांधी की जान पर बन आती है. पिछले लोकसभा चुनाव हों, उससे पहले के विधानसभा चुनाव हों या उसके बाद के विधानसभा चुनाव हों, सभी के चुनाव नतीजे राहुल गांधी के सियासी करियर पर गहरा असर डालते हैं. पिछले काफ़ी अरसे से कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है. और हर हार के साथ राहुल गांधी के हिस्से में एक हार और दर्ज हो जाती है. आख़िर क्या वजह है कि राहुल गांधीके आसपास शुभचिंतकों की बड़ी फ़ौज होने के बावजूद वह कामयाब नहीं हो पा रहे हैं.

हाल ही में पांच राज्यों में चुनाव के नतीजे आने के बाद राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं. भले ही पंजाब में कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हो गई, लेकिन उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजों ने कांग्रेस को ख़ासा मायूस किया है. उत्तराखंड में भी कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है. हालांकि मणिपुर और गोवा में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी से बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन सियासी रणनीति सही नहीं होने की वजह से कांग्रेस सरकार बनाने में नाकाम रही है.

ग़ौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में साल 2009 के लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस 2004 के मुक़ाबले और ज़्यादा मज़बूत होकर सामने आई, तो उसका श्रेय राहुल गांधी को ही दिया गया. ख़ासकर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के 21 सांसद जीतकर आने को राहुल गांधी की कामयाबी बताया गया. मगर उसके बाद से कांग्रेस को ज़्यादातर नाकामी का ही सामना करना पड़ रहा है. जिस वक़्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और उत्तर प्रदेश से कांग्रेस में 21 सांसद थे, तब साल 2012 में वहां हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महज़ 28 सीटें ही जीत पाई थी. उस वक़्त पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 117 में से 46 सीटें जीत सकी थी. हार की वजह कैप्टन अमरिन्दर सिंह से कांग्रेसियों का नाराज़ होना और पार्टी द्वारा अमरिन्दर सिंह को मुख्यमंत्री पद के लिए पसंद किया जाना बताया गया था. इसी तरह गोवा में भी कांग्रेस को सत्ता से बेदख़्ल होना पड़ा. उत्तराखंड और मणिपुर में कांग्रेस सत्ता हासिल करने में कामयाब रही. गुजरात चुनाव में भले ही कांग्रेस को हार मिली हो, लेकिन देवभूमि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने जीत हासिल की.

फिर अगले साल 2013 में दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा और नगालैंड में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. मेघालय, मिज़ोरम और कर्नाटक में कांग्रेस को जीत हासिल हुई. पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अपनी सत्ता गंवानी पड़ी. एक दशक से सत्ता पर क़ाबिज़ कांग्रेस महज़ 44 सीटों तक ही सिमट कर रह गई. इतना ही नहीं, साल 2014 में हरियाणा और महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस की हार हुई और सत्ता उसके हाथों से निकल गई. इसी तरह झारखंड और जम्मू-कश्मीर में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. अगले साल 2015 में कांग्रेस बिहार में महागठबंधन में शामिल हुई और उसने जीत का मुंह देखा. साल 2016 में असम कांग्रेस के हाथ से निकल गया. केरल और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को नाकामी ही मिली. पुड्डुचेरी में कांग्रेस को जीत नसीब हुई.

इस साल के आख़िर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. कुछ दिन बाद दिल्ली नगर निगम में चुनाव होने हैं. कांग्रेस निकाय चुनाव में भी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रही है. पिछले दिनों महाराष्ट्र निकाय चुनाव में कांग्रेस को नाकामी हासिल हुई. कांग्रेस महज़ 31 सीटों तक ही सिमट कर रह गई, जबकि साल 2012 के चुनाव में कांग्रेस के 52 पार्षद जीते थे.

हालत यह है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कांग्रेस के ख़राब प्रदर्शन पर मायूसी ज़ाहिर करते हुए कांग्रेस को नये सिरे से अपनी रणनीतियों पर विचार करने की सलाह दे डाली. कांग्रेस की लगातार हार से पार्टी के बीच से आवाज़ उठने लगी है. कुछ वक़्त पहले दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी को अपरिपक्व कह दिया था. अब उनके बेटे संदीप दीक्षित ने पार्टी की रणनीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि देवरिया से दिल्ली तक की यात्रा रोकने से पार्टी को काफ़ी नुक़सान हो गया है. सनद रहे कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले कांग्रेस ने शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया था और बड़े ही जोश से राहुल गांधी अगुवाई में देवरिया से दिल्ली की यात्रा शुरू कर दी थी, लेकिन बाद में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से समझौता कर लिया.

राहुल गांधी बहुत अच्छे इंसान हैं. वह ख़ुशमिज़ाज, ईमानदार, मेहनती और सकारात्मक सोच वाले हैं और मेहनत भी ख़ूब करते हैं. इसके बावजूद उतने कामयाब नहीं हो पाते, जितने होने चाहिए. आख़िर उनकी नाकामी की वजह क्या है? अगर इस पर गौर क्या जाए, तो कई वजहें सामने आती हैं. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि जो लोग ख़ुद को राहुल गांधी का क़रीबी और शुभचिंतक कहते हैं, वही लोग उनके बारे में दुष्प्रचार करते हैं. यूं तो राहुल गांधी जनसभाएं करते हैं, आम आदमी से सीधे रूबरू होकर बात करते हैं, लेकिन अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं से दूर हैं.

क़ाबिले-ग़ौर है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बीमारी की वजह से सियासत में सक्रिय नहीं हैं. उनकी ग़ैर हाज़िरी में पार्टी के सभी फ़ैसले राहुल गांधी ही ले रहे हैं. इन फ़ैसलों में उनके सियासी सलाहकारों की भी बड़ी भूमिका रहती है. हर चुनाव में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी को अपनी रणनीतियों में बदलाव लाने की सलाह दी जाती है. पार्टी को अपनी हार का विशलेषण कर ख़ामियों को दूर करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता. पार्टी हर चुनाव में अपनी पुरानी ख़ामियों को दोहराती है.

कुछ महीनों बाद फिर से दो राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. साल 2019 में लोकसभा चुनाव आ रहा है. कांग्रेस के पास ज़्यादा वक़्त नहीं है. उसे आने वाले चुनावों में जीत हासिल करनी है, तो ईमानदारी से अपनी ख़ामियों पर ग़ौर करना होगा. पार्टी को अपनी चुनावी रणनीति बनाते वक़्त कई बातों को ज़ेहन में रखना होगा. उसे सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए अपने पदाधिकारी तक करने होंगे. पार्टी के क्षेत्रीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी विश्वास में लेना होगा, क्योंकि जनता के बीच तो इन्हीं को जाना है. बूथ स्तर तक पार्टी संगठन को मज़बूत करना होगा. राहुल गांधी को चाहिए कि वे पार्टी के आख़िरी कार्यकर्ता तक से संवाद करें. उनकी पहुंच हर कार्यकर्ता तक और कार्यकर्ता की पहुंच राहुल गांधी तक होनी चाहिए. उन्हें पार्टी के मायूस कार्यकर्ताओं में जोश भरना होगा और जनसंपर्क बढ़ाना होगा. अगर वह ऐसा कर पाए, तो फिर कांग्रेस को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाएगा.
-फ़िरदौस ख़ान

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
135,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...