खरगोन – संतान न हो तो माँ बाप मेडिकल सेवाओ तो कभी मान मन्नतो को लेकर धार्मिक स्थलों तो कभी बाबाओ के चक्कर लगाते है । लेकिन मासूम राहुल के माता पिता की लापरवाही ने एक सवाल खड़ा कर दिया क़ि ऐसे भी माँ बाप होते है जो जिगर के टुकड़े के गुम होने के बाद भी कोई सुध नही लेते है।
मंडलेश्वर बस स्टेण्ड पर मिले साढ़े 4 वर्षीय मासूम राहुल की मासूमियत और चंचलता को देख न केवल पुलिस बल्कि उसे संरक्षण देने वाली संस्था के संचालको और अधिकारियो में भी आश्चर्य नजर आया की आखिर क्या वजह रही कि एक मासूम के गुम होने के एक माह बाद भी उसके परिजनों में कोई आगे नहीं आया । न पुलिस में कोई खबर न कोई रिपोर्ट । यहाँ तक कि परिजनों के बयान भी संदेह पैदा करते नजर आये ।
माँ वंदना व्यास खुद की माँ के साथ राउ (इंदौर) में रही वहीँ पिता राकेश व्यास राजपुर (बड़वानी) की कौर्ट में प्यून के तोर पर काम करता रहा तो दादा रामरतन व्यास शासकीय अस्पताल मंडलेश्वर में काम करते रहे लेकिन एक माह तक मासूम राहुल की गुमसुदगी की रिपोर्ट तो दूर सुचना भी नहीं की ।
ऐसे में इस मामले में कई सवाल उठना लाजमी है जो माँ बाप और बच्चे के रिश्ते की कड़ी पर सवालिया निशान लगाते है ।माँ वंदना ने बताया की वह पति और परिवार के साथ महेश्वर घूमने आई थी राहुल बस से गुम हुआ वहीँ पिता राकेश ने पत्नी वंदना के पास बच्चा होने की गफलत बताई ।
बच्चा गुमने की जानकारी मार के डर से वंदना ने किसी से नही कही । समाचार पत्रो से मिली खबर से जानकारी ले कर खरगोन पहुचे । सामने आया मासूम राहुल उन्हें देख कर सहमा सा रहा ।
हालाँकि बाल सरंक्षण अधिकारियो और महिला सभा समिति द्वारा दोनों को बच्चा नहीं सौपा गया बल्कि मामले की पूरी जाँच के बाद इस और कदम उठाने की बात कही ।
रिपोर्ट फरीद शेख