मेरठ- सियासी शोशेबाजी के बजाय काम पर ध्यान देने वाले केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु सोमवार को मेरठ आगमन के दौरान थोड़ी जल्दबाजी में नजर आए। स्वागत की औपचारिकताओं से बचने के लिये वह रेंगती ट्रेन से ही उतर पड़े। हालांकि, ट्रेन की रफ्तार बिल्कुल धीमी थी, लेकिन ऐसा करके वह नियम तोड़ने की जद में भी आ गए।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु गाजियाबाद-मेरठ-सहारनपुर विद्युतीकरण रेल सेक्शन का लोकार्पण एवं एस्केलेटर व लिफ्ट का शिलान्यास करने मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। रेल स्टाफ के साथ भाजपा नेता प्लेटफार्म नंबर एक पर उनका इंतजार कर रहे थे। पूर्वाह्न 11:55 बजे उनकी स्पेशल ट्रेन यहां पहुंची।
ट्रेन रेंग ही रही थी कि वह प्लेटफार्म पर उतर गए। यही नहीं, स्वागत की औपचारिकता के बिना ही वह कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ गए। इसे लेकर स्टेशन पर चर्चाएं होती रहीं। इस बीच, भाजपाइयों ने सफाई दी कि रेलमंत्री ने औपचारिकताओं से बचने के लिये ऐसा किया है। ट्रेन भी रुकने ही वाली थी।
यूपीए सरकार के समय रेलवे में जो काम दस साल में नहीं हुए, वो हमने दो साल में कर दिखाए हैं। मोदी सरकार अपने किए वादे तय समय में पूरी कर रही है। विकास पर्व चल रहा है। ये बातें केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने सोमवार को सिटी स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में कही।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 151 करोड़ की लागत से तैयार हुए 155 किलोमीटर लंबे गाजियाबाद-मेरठ-सहारनपुर विद्युतीकरण रेल सेक्शन का लोकार्पण किया। मेरठ सिटी स्टेशन पर 2.52 करोड़ रुपये में लगने वाले दो एस्केलेटर और लिफ्ट का शिलान्यास किया। सेक्शन के लोकार्पण होने के बाद मेरठ से दिल्ली के लिए चलने वाली ईएमयू का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि इस बारे में रेल मंत्री ने कोई तिथि तय नहीं की है।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश केंद्र सरकार की प्राथमिकता में हैं। जितना धन यूपीए सरकार यहां दस साल में नहीं दे पाई, उससे दो गुना 4.5 हजार करोड़ रुपया दो साल में दे दिया है। पहले रोजाना 4 किलोमीटर लाइन बिछती थी। अब आठ किलोमीटर बिछ रही है। 40 हजार करोड़ रुपये के निवेश को बढ़ाकर 94 हजार करोड़ तक पहुंचा दिया है। प्रभु ने कहा कि ईस्टर्न डेडिकेटिड फ्रेट कॉरीडोर भी मेरठ से ही होकर जा रहा है। रेल सेक्शनों का विद्युतीकरण करके ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जा रही है।
रेल मंत्री ने यूपीए सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पहले टेंडर होने में कई साल निकल जाते थे। लेकिन अब ये अधिकार उन्होंने जीएम और डीआरएम को दे दिया है। अब परियोजनाओं के टेंडर तेजी से जारी हो रहे हैं।
रेलवे की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि रेलवे ने यात्री सुविधा के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। खाने के लिए ई-कैटरिंग की सुविधा दी है तो स्टेशनों को वाईफाई और सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जा रहा है। ट्रेनों में दीन दयालू नाम से कोच जोड़े जा रहे हैं। अंत्योदय, उदय, तेजस ट्रेनों का तोहफा दिया गया है। हमसफर ट्रेन भी जल्द चलाया जाना प्रस्तावित है।
प्रभु ने साफ-सफाई के लिए यात्रियों को भी जागरूक होने की अपील करते हुए कहा कि गंदगी की फोटो खींचने की बजाय अगर सफाई में हाथ बंटाएं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छता अभियान सफल हो जाएगा। उन्होंने सांसदों और विधायकों द्वारा की गई मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। वहीं, रेलवे अधिकारियों ने जल्द ही ईएमयू के चलाए जाने की संभावना व्यक्त की।
अपने संबोधन में सुरेश प्रभु ने क्रांतिकारियों के साथ ही किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह को याद किया। कहा कि मेरठ क्रांतिकारियों का शहर है और इसने देश को बहुत कुछ दिया है। जंग-ए-आजादी में मेरठ की भूमिका भुलाई नहीं जा सकती है। कहा कि ये पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि हैं। उन्होंने यहां के लिए बहुत काम किया है।
सुरेश प्रभु अपने संबोधन में कृषि राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान का नाम सही से नहीं ले पाए। संबोधन की शुरूआत में नेताओं का नाम लेने की कड़ी में डॉ. संजीव बालियान को संजय बलवान कहा। इसके बाद दूसरी बार नाम लिया तो संजय बलयान कहा। यह सुनकर लोग अपनी हंसी नहीं रोक पाए। खुद संजीव बालियान भी असहज हो गए।
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, विधायक रवींद्र भड़ाना, मेयर हरिकांत अहलूवालिया, भाजपा महानगर अध्यक्ष करुणेश नंदन गर्ग, जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा, पूर्व विधायक रणवीर राणा, पूर्व जिलाध्यक्ष विमल शर्मा, नरेश गुर्जर, विनीत अग्रवाल शारदा, अजय गुप्ता, हर्ष गोयल, महाप्रबंधक उत्तर रेलवे एके पूठिया, डीआरएम अरुण अरोरा आदि।
केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, सांसद सहारनपुर राघव लखनपाल सिंह, सांसद कैराना हुकुम सिंह और सांसद बागपत डॉ. सत्यपाल सिंह कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। इन सभी के नाम कार्यक्रम में शामिल होने वालों में थे और बैनर पर भी नाम लिखे गए थे।