नई दिल्ली- भारतीय रेल से माल भेजना महंगा होने जा रहा है। इस पर फैसला रेलवे बोर्ड की बैठक में लिया गया। दरअसल माल भाड़े से कमाई बढ़ाने के उद्देश्य से रेलवे बोर्ड ने दूरी सीमा में बदलाव कर कोयले पर लगने वाला टैरिफ बढ़ा दिया है।
रेलवे के इस कदम से माल भाड़े में 19 फीसद तक इजाफा हो गया है। साथ ही रेलवे की इस बढ़ोतरी से महंगाई बढ़ने की आशंका बढ़ गयी है। इसके अलावा सीमेंट और बिजली कंपनियों का मुनाफा भी घट सकता है। गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड ने प्रति टन के हिसाब से कोयला ढुलाई की किराया सूची में बदलाव किया है।
बोर्ड ने लोडिंग और अनलोडिंग दोनो जगह पर 55 रुपए प्रति टन के हिसाब से कोल टर्मिनल चार्ज लगाने का फैसला लिया है। नई दरें 100 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पर लागू होगी। वहीं रेलवे के इस कदम से महंगाई कम होने की आस लगाए बैठे लोगों और आरबीआई को झटका लगा है।
उर्जित पटेल के नए आरबीआई गवर्नर के रूप में नामित होने के बाद से इस बात पर लगातार चर्चा हो रही है कि क्या उनकी अगुआई में रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर आम लोगों को कुछ राहत देगा। इस सवाल पर ज्यादातर एक्सपर्ट्स एकमत दिख रहे हैं कि उर्जित भी मौजूदा आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन की नीतियां अपनाएंगे।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल माल और यात्री भाड़े से होनेवाली आमदनी में गिरावट से परेशान है। पिछले साल के मुकाबले इस साल जुलाई में माल भाड़े से हुई आमदनी में 7.74 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
इधर, उपभोक्ता मूल्यों में भी पिछले महीने 6.07 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है जो अनुमान से कहीं ज्यादा है। ऐसे में माले भाड़े की दर में प्रस्तावित वृद्धि से इन्फ्लेशन बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है। ऐसे में रिजर्व बैंक चाह कर भी नीतिगत ब्याज दरों में कटौती नहीं कर पाएगा। [एजेंसी]