भोपाल- देश के आधे से ज्यादा हिस्सों में बारिश का कहर जारी है और इससे जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि राज्य के ज्यादातर हिस्से बाढ़ से प्रभावित हो गए है और बिगड़ते हालातों पर काबू पाने के लिए एनडीआरएफ की टीम को मदद के लिए बुलाया गया है। बारिश के कहर से मारे गए लोगों को एमपी के सीएम ने चार-चार लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है और घायलों को राहत शिविरों तक पहुंचाया जा रहा है।
प्रदेश में बीते 24 घंटे से हो रही बारिश से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। राहतगढ़ और कटनी में मकान गिरने से 9 जानें जा चुकी हैं। मैहर में हाउसिंग बोर्ड की बिल्डिंग गिरने से दो लोगों की मौत हो गई।
शिवराज कहना है, ‘बाढ़ में राज्य के ज्यादातर हिस्से डूब गए हैं लेकिन लोगों की सुरक्षा के लिए आर्मा, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को मदद के लिए बुलाया गया है।’
एनडीआरएफ के डीजी ओपी सिंह का कहना है, ‘एनडीआरएफ की टीम को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जा रहा है खासकर बिहार, यूपी और मध्य प्रदेश के क्षेत्रों में टीमों को रवाना किया गया है।’
बता दें कि विंध्य, बुंदेलखंड सहित कई इलाकों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। रीवा में 160, सतना में 62, पन्ना में 41 गांव पानी से घिरे हुए हैं। 64 से ज्यादा राहत शिविर खोले गए हैं, जिनमें छह हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं।
सेना के साथ एनडीआरएफ के जवान बचाव काम में लगाए गए हैं। सतना में दो हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार सुबह सीएम हाउस पर बारिश से उपजे हालातों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बांधों से एक साथ पानी न छोड़ा जाए।मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए राहत राशि देने की घोषणा की गई है।
रीवा में 160 गांव पानी से घिरे
राहत आयुक्त कार्यालय के मुताबिक रीवा, सतना, पन्ना, छतरपुर, कटनी, उमरिया में बारिश थम गई है, वहीं रीवा में हेलिकॉप्टर से खाने के पैकेट गिराए गए हैं। 160 गांव पानी से घिरे हुए हैं और शहर के 20 वार्डों का संपर्क कटा हुआ है। सतना के जमुड़ी, माधवगढ़, गढ़वाखुर्द, मदरसा, सरिया टोला में लोग फंसे हुए हैं। हालांकि, पानी रुकने की वजह से स्थिति सामान्य हो रही है।
पन्ना में सभी नदियां उफान पर हैं। 42 गांवों का संपर्क टूट गया है। यहां बारिश के चलते दो बहनों की मौत हो गई। दमोह में सुनार नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। हटा के चार और पथरिया के तीन गांवों को खाली कराकर लोगों को स्कूलों में ठहराया गया है।
सागर के राहतगढ़ में एक कच्चा मकान गिरने से सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। छतरपुर में झीला नाला पार करते वक्त एक आल्टो पानी में बह गई। इसमें सवार तीन लोगों की मौत हो गई। एक शव बरामद किया जा चुका है जबकि, दो की तलाश की जा रही है। कटनी का गाड़ा पड़रिया पानी से घिरा है और रीठी तहसील में घर गिरने से एक बच्चे की मौत हो गई। इसी तरह उमरिया में नाले में तीन बच्चों के डूबने से मौत हो गई।
निचले इलाकों में रहने वालों का होगा सर्वे
मुख्यमंत्री ने सतना रवाना होने से पहले समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूरे प्रदेश में निचले इलाकों में रहने वाले परिवारों का सर्वे करके इन्हें दूसरे स्थानों पर बसाएं। बाढ़ के हालात वाले इलाकों में राहत कैंप खोलकर प्रभावितों को पहुंचाया जाए। बांधों से पानी छोड़ने के पहले निचले इलाकों में इसकी सूचना देने का पुख्ता इंतजाम किया जाए। एक साथ बांधों से पानी भी न छोड़ा जाए। पानी उतरने के बाद नुकसान का सर्वे शुरू कराएं।
बैठक में मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला, अपर मुख्य सचिव बीपी सिंह, राधेश्याम जुलानिया, इकबाल सिंह बैंस, डीजी होमगार्ड मैथिलीशरण गुप्त, विशेष पुलिस महानिदेशक सरबजीत सिंह, ओएसडी राजीव रंजन, प्रमुख सचिव राजस्व केके सिंह, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य गौरी सिंह और सचिव विवेक अग्रवाल मौजूद थे।