रायपुर [ TNN ] राज्य शासन ने सर्वोच्च न्यायालय और केन्द्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के निर्देशों के अनुरूप छत्तीसगढ़ में तेज आवाज वाले पटाखों तथा उच्च ध्वनि उत्पन्न करने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों की रोकथाम के लिए कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एन. बैजेन्द्र कुमार ने ऐसे पटाखों और ध्वनि विस्तारक यंत्रों से होने वाले वायु प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण की गंभीर समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को कड़ा पत्र जारी कर इस संबंध में समय-समय पर दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने कहा है।
इस पत्र में कहा गया है कि जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक अपने जिलों में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णयों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करते हुए चार मीटर की दूरी तय 125 डी.बी. या 145 डी.बी. से अधिक शोर वाले पटाखे प्रतिबंधित कर दिए जाएं। इसी प्रकार पटाखों की लडि़यों के लिए मानक पांच लॉन (एन) डी.बी. है। जिसमें एन लडि़यों पर लगाए जाने वाले पटाखों की संख्या है। पत्र में यह भी कहा गया कि रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक पटाखें न फोड़े जाएं। पटाखें फोड़ने के लिए सुबह छह बजे से रात दस बजे तक का समय निर्धारित किया गया है।
अतिसंवेदनशील क्षे.त्रों जैसे अस्पताल, स्कूल, अदालत, धार्मिक संस्थाओं आदि से कम से कम 100 मीटर दूरी तक पटाखें न फोड़े जाएं। शिक्षण संस्थाओं में बच्चों को ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण के बुरे परिणामों के बारे में बताकर इन बच्चों को जन-जागरूकता अभियान में शामिल किया जाए। इस कार्य में स्कूलों में गठित ईको क्लबों का सहयोग लिया जा सकता है। अपर मुख्य सचिव श्री बैजेन्द्र कुमार ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे दीपावली त्यौहार के पूर्व एवं त्यौहार के दौरान ध्वनि एवं वायु प्रदूषण का माप करके इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें।