नक्सलवाद को लेकर राजबब्बर ने दिया बड़ा बयान, कहा बातचीत से निकलेगा हल
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रायपुर : आतंकवाद और नक्सलवाद के बारे में बात करते हुए फिल्म अभिनेता और उत्तरप्रदेश के अध्यक्ष राजबब्बर ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने एक प्रेसवार्ता में कहा कि आतंकवाद, नक्सलवाद अधिकारों को लेकर शुरू हुआ है, गोलियों से फैसले नहीं होते, उनके सवालों का सुनना होगा, डराकर, लालच देकर क्रांति से निकले लोगों को रोक नहीं सकते। यह मेरी राय है
और मैंने अपनी पार्टी को भी इस बारे में बताया है। ना इधर की बंदूक से हल निकलेगा, ना उधर की बंदूक से हल निकलेगा, हल बातचीत से निकलेगा।आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में मंगलवार को हुए नक्सली हमले में एक मीडियाकर्मी समेत दो जवानों की मौत हो गई थी, जिसके बारे में बात करते हुए राजबब्बर ने ये बयान दिया है।
#WATCH Goliyon se faisle hal nahi hote.Unke sawaal ko address karna padega, aur unko darra kar, ya lalach dekar kranti ke jo log nikle huye hain unhe rok nahi sakte hain. Na idhar ki bandook se hal niklega na udhar ki, baatcheet se hal niklega:Raj Babbar in Raipur (3.11) pic.twitter.com/7A2VeA3hzk
— ANI (@ANI) November 4, 2018
जिसके बाद काफी बवाल मच गया, हालांकि मामला उग्र होते देख राज बब्बर ने अपने बयान पर सफाई दी, उन्होंने कांग्रेस की पूरी लीडरशिप नक्सलियों ने खत्म कर दी, वे कैसे उनके पक्ष में हो सकते हैं, अपने बयान से पलटते हुए बब्बर ने कहा कि हम ये कह रहे हैं कि जो अपने-आप को क्रांतिकारी कहते हैं, कश्मीर में कहते थे, बंगाल में कहते थे, पंजाब में भी कहते थे, यहां भी कह रहे हैं।
राजबब्बर ने मुख्यमंत्री रमनसिंह और भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि एक डॉक्टर ने जिन्होंने इस प्रदेश का इलाज किया है, उसमें आम जनता परेशान हो गई है, आज यहां की जनता इतनी परेशान है कि उत्तरप्रदेश से उन्हें बाबा को बुलाना पड़ा है।
सच तो ये है कि प्रदेश के मुखिया डॉक्टर साहब ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को आईसीयू में डाल दिया है। गरीबों को उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है, उन्होंने कहा कि सुपेबेड़ा में 170 लोगों की किडनी फेल हो जाती है, लेकिन सरकार मौन बनी रहती है, सीएम के पास सुपेबेड़ा जाने के लिए समय नहीं था। बस्तर में जवान शहीद हो रहे हैं, लेकिन जवानों के इलाज़ के लिए 15 वर्ष में अस्पताल में नहीं बने, 6 मेडिकल कॉलेजों में 600 पद खाली हैं।