राज्यपाल की ओर से सवाल उठाए जाने पर कांग्रेस नेता सिंघवी ने ऐतराज जताया और कहा कि इसमें कोई संकोच नहीं कि सभी सवाल केंद्र सरकार की उच्चस्तरीय अथॉरिटी की ओर से आ रहे हैं और राजभवन की तरफ से मास्टर के बयान हूबहू पढ़े जा रहे हैं। ऐसे भी सवाल उठाए गए कि कोरोना की इस विकट परिस्थिति में किन राज्यों की विधानसभा चल रही हैं या जहां सत्र बुलाए गए हैं।
नई दिल्ली: राजस्थान में राजनीतिक संकट जारी है। इस बीच कांग्रेस ने रविवार को राज्यपाल कलराज मिश्रा पर दबाव बनाए रखने और पक्षपात का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “राज्यपाल मंत्री परिषद की सहायता और सलाह के साथ कार्य कर रहे हैं, लेकिन वह अपने आकाओं की आवाज सुन रहे हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को कहा कि प्रेस रिलीज में राजभवन की ओर से जो सवाल उठाए गए थे, उस पर सरकार ने जवाब दे दिया है।
राजस्थान सरकार ने इसी के साथ 31 जुलाई से विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की है। सिंघवी ने कहा, यह काफी दिलचस्प बात है कि विधानसभा का सत्र बुलाए जाने से पहले राज्यपाल ने विधायक की गतिविधि, उनकी हाजिरी और अन्य मुद्दे अपने सवाल में उठाए हैं। राज्यपाल की यह सक्रियता सराहनीय है लेकिन यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। ये सभी मुद्दे या तो विधानसभा अध्यक्ष का सचिवालय देखता है या सरकार की मशीनरी।
राज्यपाल की ओर से सवाल उठाए जाने पर कांग्रेस नेता सिंघवी ने ऐतराज जताया और कहा कि इसमें कोई संकोच नहीं कि सभी सवाल केंद्र सरकार की उच्चस्तरीय अथॉरिटी की ओर से आ रहे हैं और राजभवन की तरफ से मास्टर के बयान हूबहू पढ़े जा रहे हैं। ऐसे भी सवाल उठाए गए कि कोरोना की इस विकट परिस्थिति में किन राज्यों की विधानसभा चल रही हैं या जहां सत्र बुलाए गए हैं। इस पर राज्यपाल की अनभिज्ञता की ओर इशारा करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देश की कई विधानसभाएं चल रही हैं जिनमें पुडुचेरी, महाराष्ट्र और बिहार के नाम हैं। कामकाज शुरू करने के लिए इन राज्यों में विधानसभा का सत्र बुलाया गया है।