जयपुर : देशभर में जिन्ना की तस्वीर को लेकर बहस भले ही चल रही हो, लेकिन बीकानेर शहर के ज्यादातर लोग आज भी इस सड़क जिन्ना रोड के नाम से ही जानते है। वैसे कहते हैं नाम में क्या रखा है और बीकानेर के लोग इस बात में पूरा यकीन रखते है, तभी तो यहां बरसों से एक सड़क जिन्ना रोड भी है और नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्ग भी। सड़क के दुकानदार अपनी दुकान का पता जिन्ना या सुभाष चंद्र बोस किसी के भी नाम पर रख सकते है। कोई रोक-टोक या पाबंदी नहीं है और कोई विवाद भी नहीं है। कुछ ने तो दोनों नाम रख कर पता बनाया हुआ है।
यह सड़क बीकानेर शहर के व्यस्ततम कोटगेट इलाके के पास है और भरपूरा बाजार है। यहां मीट से लेकर मोबाइल और कपड़ों तक की दुकानें है। सड़क का नाम जिन्ना रोड कब पड़ा और किसने रखा इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन बताया जाता है कि देश की आजादी के बाद 60 के दशक में सड़क का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र मार्ग कर दिया गया था।
बाद में करीब 15-20 वर्ष पहले यहां के कुछ स्थानीय लोगों ने दुकानों पर जिन्ना रोड के बोर्ड हटाने और इसे जिन्ना रोड नहीं पुकारे जाने को लेकर धरने-प्रदर्शन भी किए, लेकिन लोगों की जुबान पर आज भी इसका नाम जिन्ना रोड ही चढ़ा हुआ है और इसी नाम से ज्यादातर लोग इसे पहचानते भी है।
इसी तरह यहां की एक सड़क केईएम रोड के नाम से जानी जाती है। यह सड़क किंग एडवर्ड मेमोरियल सड़क है, जिसका नाम आजादी के बाद बदल कर महात्मा गांधी मार्ग कर दिया गया, हालांकि आज भी यहां के लोग इसे केईएम रोड के नाम से ही जानते है।
यहां के इतिहासकार प्रोफेसर शिव कुमार भनोत बताते हैं कि जिन्ना का बीकानेर से कभी कोई सम्बन्ध नहीं रहा है। वे कभी बीकानेर आए भी नहीं। ऐसे में इस रोड का नाम कब किसने जिन्ना रोड रखा, इसका कोई अधिकृत रिकॉर्ड नहीं है। हालांकि नेताजी सुभाष चंद्र मार्ग बदले जाने का रिकॉर्ड है और यह नाम के स्थानीय निकाय ने रखा है।
प्रचलन में दोनो ही नाम है। जहां तक केईएम रोड का सवाल है तो इसका रिकॉर्ड जरूर मिलता है। जब किंग एडवर्ड बीकानेर आए थे तो बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ने उनके सम्मान में सड़क का नाम उनके नाम पर रखा था और आजादी के बाद इसे सरकार ने बदल दिया था।