बाड़मेर- विषम प्राकृतिक परिस्थितियों के चलते बिजली संकट को देखने वाले थार में अब जल्द ही सौर ऊर्जा जलदाता के किरदार में नजर आएगी। राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना के तहत जिले भर में 70 जगहों पर सौर ऊर्जा आधारित नलकुपो के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है।
इसी साल के दिसम्बर तक पूरा होने वाले इस काम के बाद उन स्थलों पर 24 घण्टे पानी मिल पाएगा। सरकार की इस परियोजना की जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा गम्भीरता से मोनेटरिंग की जा रही है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता नेमाराम परिहार ने बताया कि इस वर्ष में जिले में तकनीकी रूप से फिजिबल ग्राम व ढाणियों में 70 सौर ऊर्जा आधारित नलकूपों की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में राज्य सरकार ने जहां भूजल सरंक्षण के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान लेकर आई है, वहीं सतही पेयजल स्रोतों पर आधारित योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया।
जहां राज्य में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता अन्य प्रदेशों की तुलना में न्यूनतम है, वहीं बहुत कम सतही स्रोत होने व आबादी से उनकी अत्यधिक दूरी के कारण प्रति व्यक्ति पेयजल पहुंचाने का खर्चा देश में सर्वाधिक है। ऐसी परिस्थितियों में प्रदेश की पेयजल समस्या का स्थाई निदान करना काफी कठिन एवं अत्यधिक खर्चीला है, लेकिन राज्य सरकार आमजन को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है।
राज्य भर में इस वर्ष में सौर उर्जा चलित 400 डी-फ्लोरीडेशन संयंत्र लगाये जायेंगे। राज्य में सौर ऊर्जा आधारित एक हजार नलकूपों की स्थापना की जा रही है ,जिसमे जिले में 70 स्थानों पर इनके निर्माण का काम जारी है।
5 साल निजी फर्म करेगी देखरेख जोधपुर सम्भाग में 176 स्थानों पर सोलर पावर आधारित नलकुपो के निर्माण एवं आगामी 5 साल के लिए देखरेख का काम एक निजी फर्म को दिया गया है। बाड़मेर में राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एन्ड इस्टूमेशन प्राइवेट लिमिटेड को यह कार्य दिया गया है।
सम्भाग में इस फर्म को 11 करोड़ 91 लाख 60 हजार रूपये में यह कार्य करने का कार्यादेश दिए गए है साथ ही काम पूरा करने के आगामी 5 साल तक सभी संयंत्रो की देखरेख और संचालन की जिम्मेवारी भी इसी फर्म को दी गई है।5 साल बाद यह फर्म विभाग को सारे सयंत्र सौप देगी।
बिजली कटौती पर नही बाधित होगा पानी रेतीले इलाके में बिजली आपूर्ति आज भी कठिन चुनोती है ऐसे में सोलर पावर आधारित नलकूप स्थापित होने के बाद बिजली कटौती होने पर भी पानी बाधित नही होगा।जिले के 70 स्थानों पर लगने वाले इन सयंत्रों से समुदाय में पेयजल आपूर्ति के साथ साथ कई स्थानों पर खेतिहरों को उनके खेतो में सिंचाई के लिए भी पानी मुहैया करवाया जायेगा।
रिपोर्ट:- @मदन बरुपाल