राजस्थान के अलवर में दो साल पहले गोरक्षकों द्वारा पीट-पीटकर मारे गए पहलू खान के खिलाफ पुलिस ने गो तस्करी के मामले में चार्जशीट दाखिल की है।
पुलिस चार्जशीट में उस पिक-अप ट्रक के मालिक का नाम भी दर्ज है, जिसे मवेशियों को लाने-ले जाने के लिए इस्तेमाल किया गया।
बता दें कि डेयरी कारोबार चलाने वाले पहलू खान को 1 अप्रैल, 2017 को बहरोर के पास गोरक्षकों की भीड़ ने गो-तस्करी के संदेह में पीट-पीटकर मार डाला था। लिन्चिंग के इस मामले ने राजस्थान समेत पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
दो साल पहले हुई इस घटना के वक्त राज्य में भाजपा की सरकार थी और वसुंधरा राजे सिंधिया मुख्यमंत्री थीं। सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार की तरफ से पिछले साल 30 दिसंबर को यह चार्जशीट तैयार की गई थी।
वहीं, 29 मई, 2019 को बहरोड़ के एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में चार्जशीट पेश की गई।
इस चार्जशीट में पहलू खान और उनके बेटों पर राजस्थान गोवंशीय पशु (वध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात पर प्रतिबंध) अधिनियम, 1995 और नियम, 1995 की धारा 5, 8 और 9 लगाई गई है।
पहलू खान के बड़े बेटे इरशाद का नाम भी चार्जशीट में शामिल है। उसने अखबार द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में इस पर ऐतराज जताया है।
इरशाद ने कहा, ‘हमने गोरक्षकों के हमले में अपने पिता को खो दिया और अब हमें ही गोतस्कर बताया गया है। हमें उम्मीद थी कि राजस्थान की नई कांग्रेस सरकार हमारे खिलाफ दर्ज मुकदमे की समीक्षा कर उसे वापस ले लेगी, लेकिन हमारे खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी गई है। हमने अशोक गहलोत सरकार से न्याय की उम्मीद लगाई थी पर ऐसा हुआ नहीं।’ चार्जशीट में इरशाद के अलावा उसके छोटे भाई आरिफ को भी आरोपी बनाया गया है।
बता दें कि एक अन्य मामले में पिछले साल राज्य की तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने भी ऐसी ही चार्जशीट खान के सहयोगियों अज़मत और रफीक़ के खिलाफ दाखिल की थी।
इन दोनों पर उसी भीड़ ने हमला किया था जिसने ट्रक ड्राइवर अर्जुन को निशाना बनाया था। वहीं, पिक-अप मालिक जगदीश प्रसाद के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई थी।