खंडवा : अयोध्या मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम पक्षों की तरफ से उच्चतम न्यायालय में पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन को मामले से हटा दिया गया है। जिससे राजीव धवन नाखुश नजर आए उन्होंने अपनी पीड़ा फेसबुक पर लिखी तो वहीं खंडवा पहुंचे राम मंदिर निर्माण आंदोलनकारी और पूर्व सांसद वेदांती महाराज ने राजीव धवन को हटाने पर ख़ुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी आंतकियों से उसकी फंडिंग होती थी।जिसके झगड़े के कारण उसको हटाया गया।
सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ मंदिर निर्माण का जो संकल्प लिया उसको पूरा किया । और संसद में एक कानून बना की विदेशी आक्रांताओ की द्वारा जो मूर्ती स्थापना की गई हैं। उनको समाप्त किया जाए जिसके चलते विक्टोरिया और जार्ज पंचम की मूर्तियों को हटाया गया। अयोध्या में विक्टोरिया पार्क में तुलसी दास जी की मूर्ति लगाई गई। और उसका नाम तुलसी पार्क रखा गया। उसी समय अयोध्या में राम जन्भूमि पर मंदिर बन जाना था लेकिन कांग्रेस
पंडित जवाहरलाल नेहरुइसको नहीं होने दिया। 1949 में जब रामलला प्रकट हुए तब डॉ राजेंद्र प्रसाद चाहते थे की राम लल्ला की मूर्ति रहे लेकिन नेहरू ने आदेश दिया की राम लल्ला की मूर्ति वहां से हटा दें। तब गोरकनाथ मंदिर के महंत ने अयोध्या जा कर विरोध दर्ज कराया था।
अयोध्या मामले के संत राम विलास वेदांती महाराज ने जमीयत के वकील राजीव धवन को अयोध्या केस से हटाए जाने पर प्रसन्नता जाहिर की है। एक दिवसीय दौरे पर खंडवा पहुंचे पूर्व सांसद और संत राम विलास वेदांती ने राजीव धवन को आतंकवाद से जोड़ते हुए कहा कि उनको पाकिस्तानी आतंकवाद से फंडिंग मिलती थी। भाजपा के पूर्व सांसद वेदांती महाराज ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने पर मोदी सरकार की जमकर तारीफ की। वेदांती महाराज ने कहा कि सरकार राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जो ट्रस्ट बनाये उसमे सरकारी पदेन व्यक्ति को शामिल न करे।
उन्होंने कहा मोदी सरकार के कार्यकाल मे धारा 370 के साथ साथ राम मंदिर पर भी समाधान हो गया। राजीव धवन को अयोध्या फैसले से हटाए जाने पर उन्होंने कहा की पाकिस्तानी आंतकियों से उसकी फंडिंग होती थी।जिसके झगड़े के कारण उसको हटाया गया।
उन्होंने राम मंदिर का निर्माण राजस्थान के कनकपुर के मन्दिर के समान करने की वकालत भी की क्योंकि अभी विश्व का सबसे बड़ा मंदिर कनकपुर ही है।
@निशात सिद्दीकी