श्रीनगर : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह एक दिवसीय जम्मू कश्मीर दौरे पर मंगलवार को श्रीनगर पहुंचे। यहां पर राजनाथ सिंह ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की। वहीं, उन्होंने सुरक्षा संबंधित अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक भी की। उच्चस्तरीय बैठक कर उन्होंने घाटी, सीमा और नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा स्थितियों की समीक्षा की। मंगलवार को राजनाथ सिंह ने दिल्ली से रवाना होने से पहले ट्वीट करते हुए कहा था कि, मैं एक दिवसीय यात्रा पर श्रीनगर के लिए रवाना हो रहा हूं। अपने इस दौरे पर मैं वहां सुरक्षा की स्थितियों और तमाम अभियानों की समीक्षा करूंगा।
राजनाथ सिंह ने जहां राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गवर्नर सत्यपाल मलिक से बातचीत की तो वहीं वह जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से उनके घर पर मिले। यहां उन्होने कश्मीर में पिछले काफी दिनों से चल रहा हिंसा को लेकर चर्चा की। राज्य की स्थिति को लेकर राजनाथ सिंह ने रियासत के टॉप लेवल के अधिकारियों से मुलाकात कर राज्य में शांति बहाल करने के कड़े निर्देश दिए। बता दें जम्मू कश्मीर में किसी भी पार्टी की सरकार नहीं है। वह इस समय राज्यपाल शासन लगा हुआ है।
बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, जम्मू-कश्मीर में शहरी निकाय चुनावों के दौरान हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। आज राज्य के आगामी पंचायत चुनावों को लेकर चर्चा हुई। राज्य और केंद्र की दोनों सरकारें जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों के विकास की दिशा में काम कर रही हैं। जम्मू-कश्मीर को एक विकसित राज्य बनाना हमारा लक्ष्य है। जहां तक जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की बात है, पिछले 4 महीनों में बड़ा बदलाव दिखा है। पत्थरबाजी के मामलों की संख्या में गिरावट आई है। मुझे सूचना मिली है कि मिलिटेंट भर्ती की संख्या में भी गिरावट आई है।
इसके अलावा गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 21 अक्टूबर को कुलगाम में मुठभेड़ के बाद विस्फोट में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी ऐलान किया। बता दें कि, दो दिन पहले कुलगाम में सेना ने एक मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों को मार गिराया था। एनकाउंटर के बाद स्थानीय लोगों की भीड़ घटनास्थल पर पहुंच गई और आंतकियों के हथियार लूटने की कोशिश करने लगी। इसी दौरान विस्फोट हो गया। इस विस्फोट में 7 लोगों की मौत हो गई थी।