विज्ञान वर्ग के बारहवीं कक्षा के छात्र अशफाक ने बताया कि सरकार ने चीन के जिन एप पर प्रतिबंध लगाया था, उसमें शेयर इट नाम का एप भी शामिल था। ये एप युवाओं में खासा लोकप्रिय था। इसकी मदद से इंटरनेट के बगैर ही डाटा, फोटो और अन्य फाइलें दूसरे मोबाइल में भेज सकते थे। इस फैसले से युवाओं को झटका लगा। इस फैसले का विकल्प तलाशना जरूरी था।
जम्मू: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव के बीच केंद्र सरकार की ओर से चीन के चुनिंदा एप पर प्रतिबंध लगाने के बाद 17 साल के अशफाक महमूद चौधरी ने डोडो ड्रॉप नाम का एंड्रायड फाइल शेयरिंग एप विकसित किया है। इसकी मदद से इंटरनेट के बगैर ही ऑडियो और वीडियो शेयर किए जा सकते हैं।
विज्ञान वर्ग के बारहवीं कक्षा के छात्र अशफाक ने बताया कि सरकार ने चीन के जिन एप पर प्रतिबंध लगाया था, उसमें शेयर इट नाम का एप भी शामिल था। ये एप युवाओं में खासा लोकप्रिय था। इसकी मदद से इंटरनेट के बगैर ही डाटा, फोटो और अन्य फाइलें दूसरे मोबाइल में भेज सकते थे। इस फैसले से युवाओं को झटका लगा। इस फैसले का विकल्प तलाशना जरूरी था।
अशफाक ने कहा, मैंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्येय वाक्य आपदा में अवसर को प्रेरणा के रूप में लेते हुए स्वयं एप बनाने का फैसला किया। लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद चल रहे हैं। मैंने चार सप्ताह में इसे विकसित कर लिया। अशफाक के पिता परवेज अहमद चौधरी ने बताया कि उनका बेटा कुछ प्रोजेक्ट पर काम कर आय अर्जित करता है।
शेयर इट की तुलना में नया एप काफी हल्का है। मोबाइल में यह केवल 11 एमबी की जगह लेता है। इसकी फाइल ट्रांसफर करने की गति भी काफी तेज है। यह 480 एमबीपीएस की गति से फाइल ट्रांसफर करता है और इसे प्रयोग करना आसान है। इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
सूचना प्रौद्योगिकी के जानकारों के अनुसार इस एप से फाइलों को कंप्यूटर से फोन और फोन से कंप्यूटर में भी ट्रांसफर किया जा सकता है। शेयर इट एप केवल फोन से फोन में ही फाइल भेज सकता था। अशफाक महमूद चौधरी ने कहा कि एप को विकसित कर मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की कोशिश की है। अब मैं देश के लिए वैश्विक मानक एप्लीकेशन विकसित करना चाहता हूं।