गुजरात से राज्यसभा की चार सीटों के लिए चुनाव होना है। इसके लिए बीजेपी और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। 23 मार्च को होने वाले राज्यसभा के चुनाव के लिए बीजेपी ने गुजरात में नामांकन के आखिरी वक्त अपने तरकश से एक और तीर छोड़ दिया।
बीजेपी ने सोमवार (12 मार्च) को तीसरे उम्मीदवार का नामांकन करा दिया। बीजेपी की तरफ से कहा जा रहा है कि कांग्रेस विधायक क्रॉस वोटिंग भी कर सकते हैं। मामले ने नाटकीय मोड़ तब ले लिया जब सोमवार को कांग्रेस नेता नरेन राठवा के तकनीकि रूप से पेपर पूरे न होने की स्थिति में नामांकन रद्द होने की आशंकाओं के चलते कांग्रेस ने पीके वलेरा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया।
कांग्रेस ने रविवार की रात 2 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी। कांग्रेस ने अमी याजनिक नाम के हाईकोर्ट के वकील को उम्मीदवार के तौर पर उतारा, जिन्होंने सोमवार को समय से नामांकन दाखिल किया।
आदिवासी नेता नरेन राठवा आखिरी समय में कागजातों को एकत्र करके देरी से ही सही, नामांकन भरने में सफल हो सके। राठवा ने बताया कि नामांकन के लिए जरूरी कागजातों में से एक की ऑरिजनल कॉपी नहीं मिल रही थी, लेकिन बाद में वह मिल गई, जिसके चलते देरी हुई।
कांग्रेस ने वलेरा को निर्दलीय उम्मीदवार को तौर पर उतारा तो बीजेपी ने भी इसी रणनीति के तहत उम्मीदवार उतार दिया। गुजरात में सत्तारूढ़ बीजेपी ने तीसरे उम्मीदवार के तौर पर कीरितसिंह राणा को आखिरी समय में उतारा, जो कि राज्य में मंत्री भी रह चुके हैं।
बीजेपी की तरफ अन्य दो उम्मीदवार पुरुषोत्तम रुपाला और मनसुख मांडाविया हैं। दोनों पार्टियों ने 2017 की तरह चुनाव के नाटकीय रूप लेने की संभावना से इनकार नहीं किया है, जब अहमद पटेल महज एक वोट से जीते थे। कांग्रेस अपने नेताओं को चुनाव से पहले एक रिजॉर्ट में ले गई थी।
उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया- ”इस बात की बहुत संभावना है कि दो उम्मीदवारों में एक की उम्मीदवारी रद्द हो जाए। इसके अतिरिक्त हमने कांग्रेस के खेमे के उम्मीदवारों के चयन को लेकर उनके नेताओं में असंतोष देखा है। इसलिए दोनों संभावनाएं बनी हुई हैं, हो सकता है कि कांग्रेस विधायक क्रॉस वोटिंग करें। इसलिए हमने तीसरे उम्मीदवार तो उतारा है।”