यूं तो लोग आम दिनो में भी खजूर खाना पसंद करते है लेकिन रोजेदारो के लिए खजूर से रोजा खोलना सुन्नत माना जाता है | ऐसे में इस मुबारक रमजान शरीफ के महीने में खजूर को अहम माना जाता है | इन दिनों शहरो, देहातो, गाँवो व बाजारों में खजूर की दुकाने भी सजने लगी है | रोजेदार बाजारों में विदेशो से आने वाले खजूर के अलावा मुंबई का फर्द खजूर भी खूब पसंद किया जाता है |
इन दिनों बाजारों में चारो तरफ खजूर ही खजूर दिखाई दे रहे है | दुकानो के साथ साथ अब माल और बड़े बड़े शापिंग सेंटरो में भी तमाम किस्म के खजूर मिल रहे है | इसके अलावा शहरो व गाँवो में सड़को पर खजूर ही खजूर की दुकाने सजने लगी है | ड्राई फ़ूड की दुकानों पर खजूर खरीदने वालो की भीड़ काफी जबरजस्त देखने को मिल रही है |
हालाकि खजूर विक्रेताओ का कहना है कि रमजान में सबसे ज्यादा ईरानी और कीमिया खजूर बिक रहे है | इन खजूरो की कीमत बाजारों में 60 रुपैय से लेकर 200 रुपैय किलो तक के अच्छे से अच्छे खजूरो की मांग है |
रमजान का पहला अशरा रहमत का , दूसरा अशरा मागफिरत का शुरू
माहे रमजान शरीफ में रहमत का पहला अशरा गुरूवार को पूरा हो गया | दूसरा अशरा मागफिरत का रात में ही शुरू हो गया | कारी बिलाल नूरी के मुताबिक़ मागफिरत का अशरा जुमेरात की रात से शुरू हो गया है | इस अशरे का पहला रोजा शुक्रवार से शुरू हो गया है | दस दिनो तक का यह अशरा गुनाहों से माफ़ी मांगने का है |अल्लाह के बन्दों को चाहिए की वह अपने गुनाहों व गलतियों के लिए खुदा की बारगाह में हाथ फैलाकर माफ़ी मांगे और अल्लाह की रहमत के लिए आंसू बहाए | रमजानुल मुबारक का पाक महीना तीन अशरो में बटा है |
1. पहला अशरा बरकत का है |
2. दूसरा अशरा मागफिरत का है |
3. तीसरा अशरा जहन्नुम की आग से आजादी दिलाने का है |
रिपोर्ट- @सरवरे आलम