श्रीलंका में इस्टर संडे के दिन हुए आतंकवादी हमलों के बाद वहां की सरकार ने बुर्का पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसका हवाला देते हुए शिवसेना ने भी केंद्र सरकार से बुर्का पर बैन लगाने की मांग की है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में इसका जिक्र करते हुए लिखा कि बुर्का पहने हुए लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं, इसलिए भारत में भी सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर पाबंदी लगाई जाए।
शिवसेना की इस मांग को भाजपा ने खारिज किया है, वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी इसे गैर जरुरी बताया है।
भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने शिवसेना के प्रस्ताव पर कहा कि मोदी सरकार की अगुआई में हम आतंकवाद को रोकने में सफल रहे हैं। मेरे हिसाब से किसी प्रकार के बैन लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है। मोदी हैं तो देश सुरक्षित है।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शिवसेना के बुर्का पर बैन लगाए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। उनका कहना है कि बुर्का पहनने वाली हर महिला आतंकवादी हो, यह जरुरी नहीं।
सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाने के शिवसेना के प्रस्ताव पर अठावले ने कहा कि अगर बुर्का पहनने वाले आतंकवादी हैं तो उनका बुर्का हटाना चाहिए, भारत में बुर्का पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। यह एक परंपरा है और उन्हें इसे पहनने का अधिकार है।
मालूम हो कि रामदास अठावले रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया(अठावले) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वह वर्तमान में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं और अपनी वाकपटुता के लिए जाने जाते हैं।
अठावले 1999 से 2009 तक दो बार पंढरपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे। महाराष्ट्र सरकार में भी यह मंत्री रहे हैं। अठावले 2014 में राज्यसभा के माध्यम से संसद पहुंचे और मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री बने।