इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने पर सपा नेता आजम खान ने सत्ता पक्ष पर जमकर गुस्सा निकाला।
उन्होंने भाजपा को सलाह दी है कि 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी है तो भाजपा या तो नौजवानों को नौकरी दे दे या फिर ताजमहल को गिराकर शिवमंदिर बना दे।
उन्होंने सवाल किया कि कहीं सरकार का अगला कदम यह तो नहीं होगा कि मुसलमान अपना नाम भी बदल लें?
बता दें कि इलाहाबाद को अपना पुराना नाम वापस मिलने की आधिकारिक घोषणा मंगलवार को हो चुकी है। अब से इस शहर का नाम प्रयागराज हो चुका है। इस पर सभी नेता अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
इसी कड़ी में आजम खान ने भी अपना आक्रोश जाहिर किया है। उन्होंने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि किसी ज़माने में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज का नाम बदला गया था। तब दुनियाभर में उसका विरोध हुआ और नाम किंग जॉर्ज ही रहा।
ऐसे ही रामपुर हमेशा से मुस्लिम बहुल इलाका रहा लेकिन इसका नाम रामपुर ही रहा, मुस्तफाबाद नहीं किया गया।
आजम खान ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि नाम तो दिलों पर लिखी इबारत होती है। खुले दिल के मुसलमानों ने नामों के साथ छेड़छाड़ नहीं की क्योंकि वे राम और मुस्तफा में फर्क नहीं करते।
सपा नेता ने आशंका जताते हुए कहा कि कहीं सरकार मुस्लिमों से अपना नाम भी बदलने को न कह दे।
साल 2019 के चुनावों के बारे में बोलते हुए आजम खान ने सत्ता पक्ष को सलाह भी दे डाली। उन्होंने कहा कि भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी है तो या तो 10 करोड़ नौजवानों को नौकरी दे या फिर ताजमहल को गिराकर शिवमंदिर बनाए।
सरकार की मंशाओं पर खुलकर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद गिराई जा सकती है क्योंकि उससे कोई आमदनी नहीं है। लेकिन ताजमहल नहीं गिराया जाएगा क्योंकि उससे तो करोड़ों का राजस्व आता है।