रंजीत बच्चन हत्याकांड का शूटर जीतेंद्र की तलाश में पुलिस टीम छापेमारी कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि जितेंद्र बाइक से रायबरेली भाग रहा है। वह चारबाग स्टेशन के पास है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। पुलिस टीम ने घेराबंदी करते हुए शूटर जितेंद्र को एसीपी कैंट कार्यालय की तरफ घेरना शुरू कर दिया।लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए रंजीत बच्चन हत्याकांड में फरार चल रहे शूटर जीतेंद्र को पुलिस ने शनिवार को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ के दौरान शूटर जीतेंद्र के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया। पुलिस ने घायल जीतेंद्र को इलाज के लिए लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया है। पुलिस ने घटना स्थल से पिस्तौल, कारतूस और बाइक बरामद की है।
मुठभेड़ एसीपी कैंट ऑफिस के पास की है। दरअसल, रंजीत बच्चन हत्याकांड का शूटर जीतेंद्र की तलाश में पुलिस टीम छापेमारी कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि जितेंद्र बाइक से रायबरेली भाग रहा है। वह चारबाग स्टेशन के पास है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। पुलिस टीम ने घेराबंदी करते हुए शूटर जितेंद्र को एसीपी कैंट कार्यालय की तरफ घेरना शुरू कर दिया।
देवी खेड़ा मोड़ पर पुलिस को देखते ही जितेंद्र ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में जितेंद्र के बाएं पैर पर गोली लगी। पुलिस ने घायल जीतेंद्र को इलाज के लिए लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया है। जीतेंद्र पर रंजीत को गोली मारने का आरोप है। बता दें कि पुलिस ने हत्याकांड में शामिल रंजीत की दूसरी पत्नी स्मृति के संबंधों की जानकारी रंजीत को हो गई थी।
इसी बात को लेकर रंजीत ने 21 जनवरी को स्मृति को थप्पड़ मारा था। स्मृति और दीपेंद्र काफी समय से रंजीत को रास्ते से हटाने की प्लानिंग कर रहे थे। इस थप्पड़ के कारण उनके इरादे और मजबूत हो गए। जानकारी के मुताबिक दीपेंद्र अपने चचेरे भाई जितेंद्र को रंजीत की हत्या के लिए राजी किया। इसके बाद 28 और 29 जनवरी को मॉर्निंग वॉक करते हुए रंजीत की रेकी की गई।
रेकी के बाद दीपेंद्र और जीतेंद्र रायबरेली चले गए। 1 फरवरी की रात दो बजे संजीत, जीतेंद्र और दीपेंद्र सफेद बलेनो कार से लखनऊ के लिए निकले। संजीत कार चला रहा था। हजरतगंज के पास जितेंद्र और दीपेंद्र कार से उतरे और ग्लब पार्क के पास जितेंद्र ने रंजीत बच्चन को गोली मार दी।