नई दिल्ली – भारत में वैवाहिक दुष्कर्म पर बहस छिड़ गई है। पहले केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने संसद में कहा कि वैवाहिक दुष्कर्म का कंसेप्ट भारत में लागू नहीं किया जा सकता।
अब राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की सदस्य रेखा शर्मा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि रेप रेप होता है, चाहे पति करे या कोई अंजान शख्स।
रेखा शर्मा के मुताबिक, धार्मिक मान्यताओं के बहाने महिलाओं को पति के हाथ अपमानित होने और प्रताड़ना झेलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। हमारे यहां तो पशुओं की प्रताड़ना के खिलाफ भी कानून बनते हैं। रेप चाहे पति करे या कोई और, दोनों को समान सजा होना चाहिए। यदि लोग साक्षर नहीं हैं तो कानून बनाने के बाद उन्हें इसकी जानकारी दी जा सकती है।
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी से संसद में पूछा गया था कि सरकार वैवाहिक दुष्कर्म के मामलों को अपराध की श्रेणी में लाने के लिए क्या योजना बना रही है? इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि वैवाहिक दुष्कर्म का कंसेप्ट जिस तरह दुनिया में है, वैसा भारत में लागू नहीं किया जा सकता। इसके पीछे कई कारण हैं जिनमें शिक्षा, गरीबी, विभिन्न सामाजिक परंपराएं, मूल्य, धार्मिक भावनाएं और सोच अहम हैं।