Rasna founder success story: 976 में खंबाटा ने रसना ब्रांड की स्थापना की थी। इसके संतरे का स्वाद आज भी लोगों को याद है। लांचिंग के कुछ सालों में ही, यानी 1980 के दशक की शुरुआत में ही रसना घर-घर तक पहुंच गया
Rasna founder success story: गर्मी के दिनों में रसना का सेवन तो अधिकांश भारतीयों ने किया है। ताजा खबर यह है कि इसी रसना ड्रिंक को बनाने वाली कंपनी के संस्थापक का निधन हो गया है। रसना समूह के संस्थापक और अध्यक्ष 85 वर्षीय अरिज पिरोजशा खंबाटा का 19 नवंबर को निधन हो गया। वे 85 वर्ष के थे। 1976 में खंबाटा ने रसना ब्रांड की स्थापना की थी। इसके संतरे का स्वाद आज भी लोगों को याद है। लांचिंग के कुछ सालों में ही, यानी 1980 के दशक की शुरुआत में ही रसना घर-घर तक पहुंच गया। इसका वो विज्ञापन भी सुपरहिट रहा था, जिसमें ‘आई लव यू, रसना’ टैगलाइन का इस्तेमाल किया गया था।
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘खंबाटा ने भारतीय उद्योग, व्यापार और समाज की सेवा के जरिए सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें अपने लोकप्रिय घरेलू पेय ब्रांड रसना के लिए जाना जाता है, जो देश में 18 लाख खुदरा दुकानों में बेचा जाता है। रसना अब दुनिया में सबसे बड़ा शीतल पेय निर्माता है।
अहमदाबाद निवासी Ariz Pirojsha Khambatta एक पेशेवर फ्लेवरिस्ट थे। उन्होंने न केवल अपने प्रोडक्ट को स्वादिष्ट बनाने पर जोर दिया, बल्कि इसकी कीमत भी बहुत कम रखी। यही कारण है कि यह हर भारतीय तक पहुंच सका। शुरू में रसना का एक पैक 5 रुपए में मिलता था, जिससे 32 गिलास तक पेय तैयार किया जा सकता था। यही कारण है कि रसना मध्यवर्गीय परिवारों के बीच बेहद पसंद किया गया। अभी अहमदाबाद स्थित फर्म 60 से अधिक देशों में स्प्रेड, बेवरेज कॉन्संट्रेट, सॉफ्ट-ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स बेचती है। अहमदाबाद पारसी पंचायत के पूर्व अध्यक्ष भी थे। खंबाटा के परिवार में पत्नी पर्सिस, बच्चे पिरुज, डेलना और रूजान के अलावा पोते-पोतियां अर्जीन, अरजाद, अवान, आरिज, फिरोजा और अर्नवाज हैं।
आज देशभर में कंपनी के 9 प्लांट हैं। देश में 26 डिपो के साथ कंपनी का वितरण नेटवर्क है। इसके अलावा 200 सुपर-स्टॉकिस्ट और 5,000 स्टॉकिस्ट हैं। कुल मिलाकर कंपनी के पास 16 लाख आउटलेट्स का नेटवर्क है। रसना ने सालों तक रसना कोका-कोला और पेप्सी जैसी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा की है।