लखनऊ: केन्द्रीय विधि व न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सपा और कांग्रेस के ‘ये साथ पसंद है’ पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अपराध और भ्रष्टाचार का ये साथ किस मजबूरी में बनाया गया? भाजपा प्रदेश मुख्यालय में गुरूवार को रविशंकर ने कहा कि ‘काम बोलता है’ का दावा करने वाले अखिलेश यादव का आपराधिक संरक्षण-खौफ और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का भ्रष्टाचार बोलता है।
रवि शंकर ने कहा कि अगर यूपी को ये साथ पसंद तो दोनों युवराजों राहुल और अखिलेश की साथ-साथ चुनावी सभायें क्यों बंद हो गईं? दरअसल, सपा को यह एहसास हो चुका है कि राहुल गांधी जहां जाते हैं वहां लुटिया डूब जाती है। कांग्रेस तो अब नगर पालिका के लायक भी नहीं बची। उड़ीसा के पंचायत चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को हटाकर उसका स्थान ले लिया। उन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर कहा कि कांग्रेस को अपनों का भी साथ पसंद नहीं है, यदि वे उनके अपने परिवार से न हों। कांग्रेस ने लाल बहादुर शास्त्री जैसे ईमानदार और देशभक्त प्रधानमंत्री को विस्मृत ही नहीं किया, बल्कि इतनी महान शख्सियत के साथ उनकी मौत के बाद भी दुव्र्यवहार किया, क्योंकि उनका संबंध नेहरू गांधी परिवार से नहीं था। कांग्रेस ने चैधरी चरण सिंह, वीपी सिंह और चंद्रशेखर जैसे नेताओं के साथ धोखा किया। कांग्रेस ने परिवारवाद व वंशवाद को पोषने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का अंतिम संस्कार तक दिल्ली में नहीं होने दिया और यहां तक कि उनका शव कांग्रेस दफ्तर में नहीं ले जाने दिया। कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी के इन नेताओं के साथ यह अन्याय और अपमान इसलिए किया, क्योंकि इन लोगों का संबंध नेहरू-गांधी परिवार से नहीं था।
उन्होंने कहा कि मेरठ में रंगदारी का विरोध करने वाले व्यापारी की हत्या हो जाती है। राजधानी लखनऊ में बेटे की हत्या का इंसाफ मांग रहे व्यापारी पिता श्रवण साहू को गोलियों से भून दिया जाता है। सुल्तानपुर में बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला की लाश मिलती है। जब महिला का पिता स्थानीय सपा विधायक के खिलाफ हत्या का एफआईआर लिखाता है तो सपा के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस विधायक को संरक्षण देते हुए कानून के फंदे से बचाते हैं और उसके क्षेत्र से चुनाव प्रचार शुरू करते है। उन्होंने कहा कि चुनाव आचार संहिता के बाद प्रदेश में अपराध कम होने की उम्मीद थी, लेकिन अखिलेश सरकार के अपराधियों को संरक्षण देने के कारण आपराधिक वारदातें और बढ़ गयीं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उ.प्र. की अखिलेश सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसके झूठ पर उच्चतम न्यायालय को तल्ख टिप्पणी करना पड़ा कि लोकायुक्त नियुक्ति में गड़बड़ी करने के लिए प्रदेश सरकार ने न्यायालय को गुमराह किया। उच्च न्यायालय को अखिलेश सरकार को लताड़ लगानी पड़ी कि 45 से ज्यादा गंभीर मामलों के अभियुक्त अतीक अहमद की जमानत रद्द क्यों नहीं की गयी। एक ओर उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बिहार के अपराधी शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजा जा रहा है तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार के संरक्षण में अपराधी, गुंड़े और भू-माफिया को खुलेआम घूमने की सुविधा प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ’मेक इन इंडिया नीति’ से देश में 72 नई मोबाइल कम्पनियों ने भारत में उत्पादन शुरू किया है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नोएडा व ग्रेटर नोएडा में ऐसी 20 फैक्ट्रियां लगी हैं, लेकिन प्रदेश में गुंडागर्दी, हत्या, डकैती, बलात्कार, लूटपाट और रंगदारी मांगने जैसी वारदातों के चलते प्रदेश के अन्य हिस्सों में एक रूपये का नया निवेश या एक भी बड़ा कारखाना नहीं लगा। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि बसपा सुप्रीमों मायावती जी भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा हैं। मायावती ने अपनी हार पहले ही स्वीकार कर ली है। तीन तलाक पर रवि शंकर ने कहा कि यह आस्था और इबादत से जुड़ा मसला नहीं हैं। तीन तलाक नारी गरिमा, नारी समानता और नारी न्याय से जुड़ा है। भारत सरकार तीन तलाक के अत्याचार से जूझ रही मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को उच्चतम न्यायालय से न्याय दिलाने में पूरा सहयोग करेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग में व्यापक विचार विमर्श जारी है। सभी पक्षों की राय पर विचार होगा।
रिपोर्ट @शाश्वत तिवारी