नई दिल्ली : दिल्ली में रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने रविदास मंदिर मामले पर केंद्र सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इसके पहले, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डीडीए ने तुगलकाबाद इलाके में रविदास मंदिर को गिरा दिया था, जिसका जमकर विरोध हुआ था और दलित संगठन मंदिर गिराए जाने के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे।
इस मामले में 18 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा था कि संवेदनशीलता और श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए सरकार उसी जगह पर 200 वर्ग मीटर जमीन मंदिर निर्माण के लिए देने को तैयार है। केंद्र सरकार ने मंदिर कमेटी को जगह देने का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था। सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया था भक्तों की एक कमेटी को मंदिर निर्माण के लिए सरकार 200 वर्ग मीटर जमीन देगी।
Delhi’s Ravidas temple matter: Supreme Court also said that no commercial activity will be allowed, including that of paid parking lot there. It also directed Central government to form a committee within 6 weeks which will be overseeing the construction. https://t.co/K8C8SncLrO
— ANI (@ANI) October 21, 2019
आज की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया। हालांकि, सर्वोच्च अदालत में केंद्र सरकार ने रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए पहले के मुकाबले दो गुना जमीन देने की बात कही। अटॉनी जनरल ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए 400 वर्ग मीटर जमीन दी जा सकती है। केंद्र के जमीन देने के प्रस्ताव को स्वीकार करने साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश भी दिया कि यहां कोई भी व्यापारिक गतिविधि स्वीकार नहीं की जाएगी।